चीन के लेटेस्ट सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान के समंदर में उतरने से भारत की चुनौतियां बढ़ गई हैं। चीन को जवाब देने के लिए भारत जल्द ही अपने तीसरे स्वदेशी विमान वाहक पोत पर काम शुरू करने जा रहा है। इससे भारत की सैन्य मारक क्षमता में कई गुना बढ़ोत्तरी हो जाएगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया ऐलान
भारत ने समंदर में चीन की हरकतों का जवाब देने की तैयारी कर ली है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बहुत जल्द तीसरे विमान वाहक पोत पर काम शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह तो बस शुरूआत है, इसके अलावा, 5-6 युद्धपोत और बनाएंगे, इससे नौसेना की ताकत इतनी बढ़ जाएगी कि चीन-पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश भारत की तरफ आंख उठाने की हिम्मत भी नहीं कर पाएंगे।
विक्रांत श्रेणी का होगा दूसरा पोत
रक्षामंत्री ने बताया कि तीसरा विमान वाहक पोत पूरी तरह से स्वदेशी होगा। यह विक्रांत श्रेणी का दूसरा पोत होगा। इस पोत की क्षमता 45 हजार टन होगी। इसकी लंबाई 860 फीट, बीम 203 फीट, ऊंचाई 194 फीट और ड्रॉट 28 फीट होगी। इसमें कुल 14 डेक बनाए जाएंगे। यह पोत चार जनरल इलेक्ट्रिक इंजन और दो इलेकॉन कोगैग गीयरबॉक्स की ताकत से लैस होगा। इस पर एक साथ 28 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकेंगे।
एंटी-मिसाइल सिस्टम से लैस होगा पोत
इस पोत की अधिकतम स्पीड 56 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। यानी यह इस रफ्तार से समंदर में चल सकेगा। इसकी रेंज 15 हजार किलोमीटर होगी। इस पोत पर एक बार में 196 अधिकारी और 1449 नौसैनिक तैनात हो सकेंगे। पोत में सुरक्षा के लिए एंटी-मिसाइल सिस्टम और मारीच एडवांस्ड टॉरपीडो डिफेंस सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके अलावा, मिसाइल बराक 8 की 32 यूनिट लगाई जाएगी। साथ ही 4 ओटोब्रेड ड्यूअल परपज गन और 4 एके 630 सीआईडब्ल्यूएस गन फिट की जाएगी।
मिग-29के, तेजस लड़ाकू विमान होंगे तैनात
इस पोत की सबसे खास बात यह होगी कि इस पर राफेल एम, मिग-29के, तेजस लड़ाकू विमान और एएमसीए फाइटर जेट तैनात हो सकेंगे। इसके अलावा कामोव, अपाचे, प्रचंड और ध्रुव हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा सकेंगे। बता दें कि पिछले साल जनवरी में संसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने तीसरे विमान वाहक पोत की जरूरत बताई थी। फिलहाल, आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य अभी नौसेना को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अब भारत का मकसद चीन की बराबरी में विमान वाहक पोत तैयार करना है, ताकि उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
Arun kumar baranwal