नई दिल्ली। चीन की हरकतों और नापाक मंसूबों को भारत और अमेरिका मिलकर धूल चटा देंगे। भारत और अमेरिका मिलकर खतरनाक स्ट्राइकर टैंक बनाने पर विचार कर रहे हैं। यह टैंक भारतीय सेना के लिए गेंम चेंजर बनेगा। वहीं यह युद्ध के मैदान में फौलाद बन जाता है। ऐसे में इस टैंक खासियतें जानना दिलचस्प हो जाता है। भारत और अमेरिका लगातार सैन्य सबंधों को मजबूती दे रहे हैं। इसी कड़ी में भारत ने सैन्य क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहनों का अमेरिका के साथ उत्पादन करने की योजना बनाई है। इस सौदे के पूरा होने के बाद स्ट्राइकर का भारत में पहला उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह समझौता न केवल भारत के लिए आर्थिक रूप से एक वरदान हो सकता है, बल्कि रूसी हथियारों पर निर्भरता कम करने में भी मदद करेगा। बता दें कि भारत के लिए रूस रक्षा हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। भारतीय सेना में लगभग 60 प्रतिशत रूसी हथियार हैं। यह पहल व्यापक रक्षा-औद्योगिक सहयोग रोडमैप का हिस्सा है। अमेरिका ने हाल ही में भारत में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्ट्राइकर टैंक की गतिशीलता और मारक क्षमता का प्रदर्शन करने की भी पेशकश की है। रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय इस प्रस्तावित परियोजना के लिए तीन चरण की योजना की जांच कर रहा है। सौदे को अमलीजामा पहनाए जाने के बाद पड़ोसी चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़नी तय है। इस परियोजना में शुरूआत में अमेरिकी विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के तहत स्ट्राइकर्स की सीमित आॅफ-द-शेल्फ खरीद शामिल होगी। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद भारत में संयुक्त उत्पादन किया जाएगा। इसके भविष्य के संस्करणों को विकसित किया जाएगा। इस योजना से भारतीय सेना की जरूरतों और उच्च स्तर के स्वदेशीकरण को पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को भारत हस्तांतरित किया जाएगा। स्ट्राइकर टैंक के बारे में बात करें तो यह आठ पहियों वाला लड़ाकू वाहन है। इसे जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स कनाडा और अमेरिका की जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स डिवीजन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। स्ट्राइकर वाहन जीडीएलएस कनाडा एलएवी थर्ड हल्के बख्तरबंद वाहन का एक नया संस्करण है। इसका नाम अमेरिकी सैनिकों स्टुअर्ट एस. स्ट्राइकर और रॉबर्ट एफ. स्ट्राइकर के नाम पर रखा गया है। जिन्हें मरणोपरांत मेडल आॅफ आॅनर से सम्मानित किया गया था। अगर स्ट्राइकर टैंक की ताकत के बारे में जानें तो यह तकनीकी रूप से बेहद एडवांस है। स्ट्राइकर एक वी बख्तरबंद पैदल सेना वाहन है। यह 30 मिमी तोप और 105 मिमी मोबाइल बंदूक से लैस है। स्ट्राइकर का निर्माण बेहद कठोर स्टील से किया गया है। यह 14.5 मिमी राउंड के खिलाफ बुनियादी सुरक्षा और 7.62 मिमी गोला बारूद के खिलाफ चौतरफा सुरक्षा प्रदान करता है। वाहनों में बोल्ट-आॅन सिरेमिक कवच की सुविधा भी है। यह 14.5 मिमी कवच-भेदी गोला-बारूद और 152 मिमी राउंड से तोपखाने के टुकड़ों के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा देता है। स्ट्राइकर में दो लोगों का दल होता है। इसमें 9 सैनिक सवार हो सकते हैं। इसमें 350 हॉर्सपावर वाला कैटरपिलर इंजन लगा है। इसकी रेंज 483 किलोमीटर है। यह लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलता है। ूूूूूूूूूबता दें कि चिनूक का इस्तेमाल भारतीय वायु सेना करती है।
Rajneesh kumar tiwari