जनप्रवाद ब्यूरो। भारतीय सेना ने दो ऐसे अस्त्र बनाए हैं जो आतंकियों का काल बनेंगे। इनमें से एक एक्सप्लोडर उनके घर में घुसकर मारेगा। वहीं अग्निअस्त्र आतंक विरोधी अभियानों में आतंकियों का काल बन जाएगा। ये दोनों एडवांस मानवरहित ग्राउंड व्हीकल यानी यूजीवी है। भारतीय सेना को निशाना बनाने वाले आतंकियों की अब खैर नहीं है। भारतीय सेना के दो हथियार आतंकवादियों के ठिकाने को न केवल खाक में मिलाएंगे बल्कि उन्हें स्वर्गलोक की यात्रा भी कराएंगे। इनमें एक एक्सप्लोडर और दूसरा अग्निअस्त्र है। ये दोनों इनोवेशंस आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर डेवलप किया है। वहीं, भारतीय सेना के लिए इन दोनों प्रोडक्ट्स को निजी कंपनी बनाएगी। भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने दोनों हथियारों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए टेक्नोलॉजी आॅफ ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी की। निजी कंपनी को टीओटी सौंपने की प्रक्रिया में आईआईटी दिल्ली की अहम भूमिका रही। बता दें कि कई बार आतंकी हमला करने के बाद किसी घर में घुस जाते हैं। ऐसे में आतंकियों को ढेर करने के लिए जवानों को ग्रैनेड या हथियार लेकर घर के अंदर घुसना पड़ता है। यह कार्य न केवल जान जोखिम भरा होता है बल्कि इसके लिए काफी तैयारियां भी करनी पड़ती हैं। अब भारतीय सेना ने इस मुश्किल से बचने के लिए दो अस्त्रों को खुद ही डिजाइन किया है। जिसके बाद आतंकियों को मार गिराने का काम ये दोनों हथियार करेंगे। बता दें कि एक्सप्लोडर एक एडवांस मानवरहित ग्राउंड व्हीकल यानी यूजीवी है। जिसमें छह पहिये लगे हैं। इसकी ऊंचाई भी मात्र डेढ़ फीट है। इसे काम्बैट और आपरेशनल रोल्स के लिए डिजाइन किया गया है। वहीं यह किसी भी तरह की जमीन पर चल सकता है। इसकी खूबी है कि यह दूर से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी आईईडी को ढूंढ कर उसे उड़ा सकता है। इसके अलावा इसे रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है। इसकी रेंज वायर के साथ 2 किलोमीटर और वायरलेस 2.5 किमी है। इसमें एक सेल्फ डेस्ट्रक्शन मोड भी है, जरूरत पड़ने पर यह खुद को भी उड़ा सकता है। इसका ट्रायल पूरा हो चुका है। जिसमें यह काफी कारगर रहा। इसे आपदा राहत कार्यों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे डिफेंस एक्सपो में भी शोकेस किया गया था और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी तारीफ की थी। वहीं अग्निअस्त्र अपने नाम की तरह की खूबियों वाला है। यह मल्टी टारगेट पोर्टेबल डेटोनेशन सिस्टम है। इसकी रेंज 10 किलोमीटर है। अग्निअस्त्र का उपयोग उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों में किया जाएगा। यह भी बारूदी सुरंगों और आईईडी को निष्क्रिय करने में सक्षम है। इसके अलावा इसकी मदद से दुश्मन के कई ठिकानों को एक साथ तबाह किया जा सकता है। इस अस्त्र से रिमोट के द्वारा दूर से ही धमाके किए जा सकते हैं। अग्निअस्त्र आतंकी हमलों के दौरान सैन्य अभियानों में सेना का नेतृत्व करने वाले प्लाटून कमांडरों की जरूरतों को पूरा करेगा।
Rajneesh kumar tiwari