जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश फ्रांस अब भारत से रॉकेट लांचर खरीदने की तैयारी कर रहा है। इतिहास में पहली बार फ्रांस भारत के साथ हथियार खरीद डील पर बातचीत कर रहा है। पेरिस में पीएम मोदी और इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात के दौरान इस पर चर्चा हो सकती है। भारत के हथियारों का अब पश्चिम भी दीवाना होने लगा है। ताजा घटनाक्रम में फ्रांस मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। समाचार एजेंसी ने शीर्ष भारतीय अधिकारी के हवाले से इस संभावित डील के बारे में जानकारी दी है। यह पहली बार होगा जब भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता नई दिल्ली से हथियार खरीदेगा। इस संभावित डील को भारतीय रक्षा उद्योग के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना हुआ है। इसने अपनी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मेक इन इंडिया के तहत स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही यह अपने रक्षा निर्यात को लगातार बढ़ा रहा है। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ में मिसाइलों और रणनीतिक प्रणालियों के महानिदेशक उम्मालनेनी राजा बाबू ने इस बात की पुष्टि की। उनका कहना है कि भारत के रक्षा उत्पादन का स्वरूप बदल चुका है। अब हम केवल विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं हैं। मेक इन इंडिया पहल के तहत देश में आधुनिक हथियार बनाए जा रहे हैं। इन हथियारों की डिमांड पूरी दुनियश में हो रही है। अब फ्रांस् पिनाका के लिए सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है। फिलहाल अभी तक कोई सौदा नहीं हुआ है, लेकिन बातचीत तेज हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार एक अन्य अधिकारी का मानना है कि 90 किलोमीटर तक रेंज वाली घरेलू रूप से निर्मित पिनाका रॉकेट सिस्टम को 3 महीने पहले प्रदशित किया गया था। इस हथियार को फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल को दिखाया गया था। उन्होंने इसे संतोषजनक पाया था। बता दें कि ये जानकारी ऐसे समय में आई है जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करने के लिए फ्रांस के दौरे पर पहुंचे हैं। दोनों नेता आज द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। बता दे कि 90 किलोमीटर की दूरी तक सटीक मार करने वाले पिनाका रॉकेट मैक 4.7 यानी 5800 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से वार करता है। इससे इन्हें रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा सिस्टम के वारहेड को विभिन्न युद्ध परिदृश्यों के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। पिनाका हथियार प्रणाली को पारंपरिक रूप से गतिशीलता के लिए टाट्रा ट्रक पर लगाया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हथियार प्रणाली जमीनी बलों को दुश्मन के क्षेत्र के अंदर हमले का विकल्प देती है। यह महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की क्षमता भी रखती है। पिनाका सिस्टम की लंबी दूरी तक मार करने के लिए क्षमता बढ़ाई जा सकती है। पनाका रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल भारतीय सेना करती है। इसे भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान तैनात किया गया था। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 से 2023 के बीच रूस के बाद फ्रांस दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक था।
Rajneesh kumar tiwari