जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस के बाद अब अमेरिका भारत से बड़ी मात्रा में हथियारों के पार्ट्स खरीद रहा है। इससे भारत का डिफेंस सेक्टर लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है। वहीं भारत अब दुनिया भर के देशों को अपनी रक्षा तकनीक और हथियार सप्लाई करने में जुट गया है। बीते दस सालों में भारत के रक्षा निर्यात में जबरदस्त उछाल आया है। ये उछाल इतना बड़ा है कि पहले की तुलना में यह लगभग 30 गुना बढ़ गया है। इस बढ़त का मुख्य कारण रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध और इजराइल-हमास के बीच की लड़ाई है। इन परिस्थितियों के कारण कई देश अपनी सेना को मजबूत करना चाहते हैं और भारत से हथियार खरीद रहे हैं। मौजूदा समय भारत का रक्षा उद्योग दुनिया भर के 90 से भी ज्यादा देशों को हथियार सप्लाई कर रहा है। इन देशों में इटली, मालदीव, रूस, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, फिलीपींस शामिल है। वहीं सऊदी अरब, पोलैंड, मिस्र, इजराइल, स्पेन, चिली के बाद अमेरिका बड़ा रक्षा टेÑेड पार्टनर बनकर उभरा है। बता दें कि पहले बहुत कम देशों को ही भारत से हथियारों के पार्ट्स निर्यात किए जाते थे। पहले हथियारों के निर्यात के लिए बहुत सारे पेपर वर्क और मंजूरी की जरूरत होती थी। अब सरकार ने हथियारों के लिए लाइसेंस और मंजूरी लेने की प्रक्रियाओं को आसान बना दिया है। मोदी सरकार के इन कदमों से रक्षा निर्यात में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। सरकार ने हथियारों के निर्यात के लिए मंजूरी देने की संख्या बढ़ा दी है। 2023 में 1414 मंजूरियां दी गई थीं, जो कि 2024 में बढ़कर 1507 हो गई। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2024-2025 की पहले तिमाही में रक्षा निर्यात करीब 78 फीसदी बढ़ गया है। इस साल अप्रैल-जून 2024 में भारत का रक्षा निर्यात 6915 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 3,885 करोड़ रुपये था। 2023-2024 में रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये यानी लगभग 2.63 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। यह पिछले साल 2022-23 के 15,920 करोड़ रुपये के मुकाबले 32.5 फीसदी ज्यादा था। इसमें प्राइवेट सेक्टर का 60 फीसदी योगदान और पब्लिक सेक्टर का 40 फीसदी है। 2013-14 में भारत का रक्षा निर्यात सिर्फ 686 करोड़ रुपये था। भारत का सबसे बड़ा हथियार खरीदार अमेरिका बन चुका है। अमेरिकी कंपनियां अब भारत से सालाना एक अरब डॉलर से अधिक कीमत के सिस्टम, सबसिस्टम और पुर्जे खरीद रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकारी और निजी कंपनियों की ओर से निर्यात किए जाने वाले रक्षा सामानों में गोला-बारूद, छोटे हथियार जैसे स्नाइपर राइफलें शामिल हैं। इसके अलावा बुलेटप्रूफ जैकेट, बुलेटप्रूफ हेलमेट, इलेक्ट्रॉनिक इक्यूपमेंट्स, बख्तरबंद वाहन, हल्के टॉरपीडो, सिमुलेटर, ड्रोन और तेजी से हमला करने वाले जहाज शामिल हैं। भारत 34 देशों को बुलेटप्रूफ जैकेट की आपूर्ति करता है जिनमें आॅस्ट्रेलिया, जापान, इजराइल और ब्राजील शामिल हैं। संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इंडोनेशिया, थाईलैंड समेत लगभग 10 देशों ने भारत से गोला-बारूद खरीदा है।
Rajneesh kumar tiwari