जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने पिनाका मल्टी-बैरल राकेट लांचर सिस्टम को और भी ताकतवर बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह भारत के दुश्मनों के लिए बड़े खतरे की घंटी है। जल्द ही इसे चीन के राकेट लांचर सिस्टम से ज्यादा ताकतवर बनाया जाएगा। ऐसे में यह जानना दिलचस्प हो जाता है कि चीन के राकेट लांचर और भारत की पिनाका में कितना अंतर है। भारत का पिनाका मल्टी-बैरल राकेट लांचर सिस्टम आर्मेनिया को निर्यात किया जा रहा है। फ्रांस की सेना भी इसे लेने पर विचार कर रही है। अब यह राकेट सिस्टम और भी ताकतवर हो गया है। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने इसकी जानकारी दी। जिसमें बताया गया कि प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स वैलिडेशन ट्रायल के दौरान गाइडेड पिनाका हथियार सिस्टम ने सफलतापूर्वक टारगेट को भेदा। यह पिनाका का गाइडेड संस्करण है। इसका मतलब है कि राकेट को सटीक हमले के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। अब इसकी रेंज 75 किलोमीटर तक हो गई है। यानी यह हवा से लेकर जमीन तक 75 किलोमीटर तक किसी भी ड्रोन,लड़ाकू विमान या टैंक को ध्वस्त कर सकता है। पिनाका सिस्टम चीन को टक्कर देने के लिए अपग्रेड किया जा रहा है। वर्तमान में पिनाका एमके-1 की रेंज 37 किलोमीटर है। इसी तरह पिनाका एमके-2 की रेंज 60 किमी है। इससे 44 सेकंड में 12 राकेट दागा सकता है। चीन का पीएचएल-03 ट्रक पर लदा एक सेल्फ प्रोपेल्ड 12-ट्यूब वाला राकेट लान्चर है। इसमें 300 मिमी वाले रॉकेट लगते हैं। इसका डिजाइन सोवियत निर्मित बीएम-30 स्मर्क रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम पर आधारित है। पिनाका की तरह ही चीन के भी राकेट लान्चर का प्रमुख काम बड़ी संख्या में मौजूद सैनिकों पर हमला, हवाई क्षेत्रों, कमांड सेंटरों, एयर डिफेंस बैटरियों पर हमला करना है। इसमें बीआरई-300 एमएम रॉकेट लगते हैं। वैसे तो इसकी रेंज 130 किमी बताई जाती है लेकिन माना जा रहा है कि भारत के राकेट लांचर से 30 किलोमीटर की ज्यादा दूरी तक मार करता है। प्रत्येक राकेट का वजन 800 किलोग्राम होता है। अक्तूबर 2020 में आई रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएचएल-03 में एक नए तरह का रॉकेट लगाया गया है। इसी तरह चीन का एआर-3 मल्टीपल लांच राकेट सिस्टम है। इसे गाइडेड राकेट लांच करने के लिए भी बनाया गया है। इसे इसकी रेंज और मोबिलिटी के लिए जाना जाता है। इसे एक ट्रक पर लगाया जाता है, जो विभिन्न इलाकों में तेजी से तैनात हो सकता है। अब चीन को टक्कर देने के लिए भारत भी 120 किलोमीटर, 150 किलोमीटर और 200 किलोमीटर वाला पिनाका सिस्टम विकसित कर रहा है।
Rajneesh kumar tiwari