नई दिल्ली। भारत ने दुनिया का सबसे खरतरनाक विस्फोटक तैयार किया है। यह ब्रह्मोस मिसाइल से भी ज्यादा घातक है। इसकी ताकत टीएनटी विस्फोटक से 2.5 गुना अधिक है। यानी यह अपने टारगेट को चूरमा बनाने में कुछ ही सेकेंड लगाएगा। इस विस्फोट से कोई भी दुश्मन टारगेट सेंकेंडों में धुएं में उड़ जाएगा। रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत लगातार नए-नए आयाम हासिल कर रहा है। ताजा उपलब्धि से न केवल भारतीय सेना की मारक क्षमता में भारी इजाफा होने जा रहा है बल्कि रक्षा निर्यात के क्षेत्र को भी पंख लगेंगे। यह उपलब्धि बेहद घातक विस्फोटक बनाने में हासिल हुई है। भारत ने सेबेक्स- 2 नामक विस्फोटक तैयार कर इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है। यह गैर परमाणु विस्फोटक है। जो किसी भी हथियार की ताकत को दोगुना खतरनाक बना सकता है। इस विस्फोटक का इस्तेमाल किसी भी वॉरहेड या बम में किया जा सकता है। इसे भारतीय नौसेना ने सर्टिफाई किया है। यह दुनिया के सबसे ताकतवर पारंपरिक विस्फोटकों में से एक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सेबेक्स- 2 की ताकत पारंपिक टीएनटी विस्फोटक से 2.5 गुना अधिक है। यानी इसकी विनाशकारी क्षमता बहुत अधिक है। बता दें कि कोई विस्फोटक कितना घातक है, इसका आकलन टीएनटी (ट्राइनाइट्रोटोलुइन) के आधार पर किया जाता है। टीएनटी एक मानक है जिसके अनुसार तय होता है कि किसी विस्फोटक में कितनी तबाही करने की क्षमता है। इस पैमाने पर सेबेक्स 2 की क्षमता ढाई गुना ज्यादा है। सेबेक्स- 2 को नागपुर की सोलार इंडस्ट्रीज की सब्सडियरी कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड ने बनाया है। कंपनी ने ऐसे तीन प्रकार के विस्फोटक बनाए हैं। ये किसी भी हथियार के फायरपावर को बढ़ा देते हैं। इसका ब्लास्ट इतना खतरनाक है कि टारगेट का चूरमा बन जाता है। यह दुनिया में मौजूद सभी ठोस विस्फोटकों में से सबसे ज्यादा ताकतवर है। तीनों नए विस्फोटक सेनाओं और अर्धसैनिक बलों के लिए बेहद फायदेमंद होंगे। इसे टैंकों में इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं भारत के लिए विस्फोटक गेम चेंजर साबित होगा। तीनों विस्फोटकों की खासियत यह है कि यह दुश्मन देश को लंबे समय तक दंश देते रहेंगे। ये भीषण गर्मी पैदा करने के साथ-साथ लंबे समय तक विस्फोट करतो हैं। जिससे दुश्मन के बंकरों, सुरंगों और अन्य बख्तरबंद ठिकानों को नष्ट करना बेहद आसान हो जाएगा। नौसेना ने सिटबेक्स-1 का भी व्यापक परीक्षण करने के बाद इसके इस्तेमाल के लिए ओके कर दिया है। नई विधि से तैयार यह विस्फोटक बिना वजन बढ़ाए बम, तोपखाने के गोले और वॉरहेड्स की विनाशकारी शक्ति में जबर्दस्त वृद्धि के साथ क्रांति लाने में सक्षम है। इसी वजह से इसकी पूरी दुनिया में मांग हो सकती है। यानी भारत के लिए रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक नया बाजार खुलने जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दुनिया भर की ताकतें अपने हथियार प्रणालियों को ज्यादा से ज्यादा घातक बनाने में जुटी हुई हैं। इसे वायुसेना के हथियारों में प्रयोग किया जा सकता है। दूसरी ओर नौसेना से सर्टिफाइड तीसरा विस्फोटक सिमेक्स 4 है। यह एक असंवेदनशील विस्फोटक है। यह अन्य विस्फोटकों की तुलना में भंडारण, परिवहन और संचालन के लिए अधिक सुरक्षित है। इसमें अचानक विस्फोट की संभावना बहुत कम है। इसका उपयोग उन जगहों पर किया जा सकता है जहां सुरक्षा सर्वोपरि है। इसका इस्तेमाल पनडुब्बी में लगाए जाने वाले हथियारों में किया जा सकता है।
Rajneesh kumar tiwari