जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। फ्रांस भारत में वो काम करने जा रहा है जिसको आज तक नहीं किया है। फ्रांस की कंपनी सफ्रान ने इसको लेकर बड़ा खुलासा किया है। कंपनी सैन्य प्लेटफार्मों के लिए सेंसर और महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स भागों के निर्माण के लिए भारत में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स सुविधा स्थापित करने वाली है। इससे भारत की सुरक्षा अभेद्य किले जैसी हो जाएगी। फ्रांस और भारत के बीच दोस्ती अब अलग लेवल पर जा रही है। फ्रांस ने संकेत दिया है कि भारत में अपनी पहली रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स इकाई स्थापित करने के लिए इच्छुक है। यह संकेत फ्रांसीसी रक्षा समूह सफ्रान समूह ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दिया है। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों के गहरे होने का संकेत है। रिपोर्ट के अनुसार नाम न बताने की शर्त पर बड़ी जानकारी दी गई है। जिसमें बताया गया है कि डोभाल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोने और उनके मुख्य सैन्य सलाहकार फेबियन मैंडन के बीच दो दिवसीय रणनीतिक वार्ता हो चकी है। यह वार्ता 30 सितंबर और 1 अक्टूबर के दौरान फ्रांस ने भारत के साथ उन्नत सामग्री और धातु विज्ञान पर काम करने पर सहमति जताई है। यह सैन्य और नागरिक इंजनों के महत्वपूर्ण भागों के निर्माण की कुंजी बनेगा। बता दें कि प्रौद्योगिकी ट्रांसफर के लिए उद्योग के लिए विमान इंजन के प्रमुख भागों के लिए उन्नत धातु विज्ञान का ज्ञान होना महत्वपूर्ण है। इसको लेकर सफ्रान ने भारत में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स सुविधा स्थापित करने की योजना का खुलासा किया। बता दें कि डसॉल्ट एविएशन ने राफेल लड़ाकू विमानों और नागरिक विमानों के संचालन के लिए यूपी के जेवर एयरपोर्ट का चुनाव किया है। यहां पूर्ण रखरखाव, ओवरहाल और मरम्मत सुविधा के निर्माण के लिए पहले ही भूमि का अधिग्रहण कर लिया है। फ्रांस ने भारत के साथ मिलकर पनडुब्बी के लिए मानव रहित उप-सतह, सतह और हवाई प्रणाली या पानी के नीचे के ड्रोन विकसित करने का भी फैसला किया है। इसके अलावा वह काउंटर-स्वार्म ड्रोन और सशस्त्र ड्रोन तकनीक विकसित करने में भारत का समर्थन भी करेगा।
Rajneesh kumar tiwari