जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के लिए खतरा बन रहे घुसपैठियों की अब खैर नहीं होगी। विदेशियों की एंट्री पर सख्त नियम लागू होने जा रहे हैं। इमिग्रेशन बिल 2025 लोकसभा में पास हो गया है। विधेयक पर गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठियों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा भारत कोई धर्मशाला नहीं है। आव्रजन और विदेशी नागरिकों से संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश में अल्पसंख्यक समूह सबसे सुरक्षित हैं। सरकार ने शरणार्थियों को हमेशा सुरक्षा प्रदान की है। अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि आव्रजन राष्ट्रीय सुरक्षा से निकटता से जुड़ा हुआ है। देश की सीमाओं में प्रवेश करने वालों की निगरानी करना महत्वपूर्ण है। सताए गए समुदायों को शरण देने में भारत की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए शाह ने कहा कि भारत एक भू-सांस्कृतिक राष्ट्र है। यहूदी इजरायल से भागकर यहां रह गए। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में पड़ोसी देशों के छह उत्पीड़ित समुदायों के लोग सीएए के जरिए देश में शरण ले रहे हैं। उन्होंने पर्यटक, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और व्यवसाय के लिए भारत आने वाले सभी लोगों का स्वागत किया। साथ्ल ही कहा कि जो लोग देश के लिए खतरा पैदा करते हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। भारत कोई धर्मशाला नहीं है जो चाहे वह यहां आकर बस जाए। इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के कानून बनने के बाद बांग्लादेशी हो या पाकिस्तानी सभी घुसपैठियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसकी जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि बॉर्डर से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का आना भारत के लिए सीमा पर सबसे गंभीर समस्या है। ये अवैध प्रवासी भारत की अर्थव्यवस्था, राजनीति, समाज और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं। ये न केवल बॉर्डर के इलाकों में बस चुके हैं बल्कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के अलावा, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत देश के लगभग हर राज्य तक पहुंच चुके हैं। ऐसे लोगों का सिलीगुड़ी कॉरिडोर में बसना देश की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 में नए कानून को और कड़ा किया गया है। विधेयक के अनुसार अगर कोई शख्स जाली दस्तावेजों के माध्यम से भारत में प्रवेश करता है तो दो से सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही एक लाख से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। वहीं वैलिड पासपोर्ट और वीजा के भारत में घुसपैठ करने वालों के खिलाफ भी सख्ती होगी। उन्हें पांच साल तक की सजा या पांच लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों एक साथ किए जा सकते हैं। यह विधेयक पुलिस और इमिग्रेशन ऑफिसर को और अधिक शक्ति प्रदान करता है। ऐसे किसी भी मामले में पुलिस अधिकारी बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकेंगे। साथ ही विधेयक विदेशियों को भारत से हटाने, उन्हें उनके देश डिपोर्ट करने या छूट देने जैसे तमाम मामलों में केंद्र की शक्ति को बढ़ाएगा। विदेशी नागरिकों को अपने खर्च पर भारत से बाहर निकलना होगा। पहचान के उद्देश्य से बायोमेट्रिक डेटा देना होगा। प्रस्तावित कानून विदेशी अधिनियम 1946, पासपोर्ट अधिनियम 1920 और विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939 को बदलने की कोशिश है। ये कानून, मूल रूप से विश्व युद्ध के समय युद्धकालीन परिस्थितियों के लिए बनाए गए थे। अब पुराने हो चुके हैं। सरकार का तर्क है कि आव्रजन नियमों को आधुनिक बनाने और गैर जरूरी प्रावधानों को खत्म करने के लिए एक एकीकृत कानून की जरूरत है।
Rajneesh kumar tiwari