नई दिल्ली। भारत के खतरनाक शिकारी अरिहंत, क्वाड और सीक्रेट हथियार से पाकिस्तान और चीन की जोड़ी खौफ में आ चुकी है। भारत के अंडरग्राउंड बेस वर्षा से तो पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा खतरे में लगने लगी है। यह खुलासा किसी भारतीय रक्षा विशेषज्ञ नहीं बल्कि पाकिस्तान की बड़ी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने किया है। एशिया में बादशाहत कायम करने के लिए मैदान में उतरे चीन को अब भारत के सीक्रेट मिशनों का डर सताने लगा है। बता दें कि चीन को घेरने के लिए अमेरिका ने क्वॉड बनाया हुआ है। इसमें भारत भी शामिल है। भारत और अमेरिका की इस रणनीतिक जोड़ी से चीन-पाकिस्तान खौफ में है। दोनों देशों की जोड़ी को न केवल क्वाड का डर है बल्कि उसे भारत के सीक्रेट शिकारी का भी खौफ सता रहा है। भारत के इस समंदर के शिकारी का नाम है परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी अरिहंत। पाकिस्तान के कायद ए आजम यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर जफर नवाज जसपाल ने अपने एक ताजा लेख में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान को एशिया- प्रशांत क्षेत्र में भारतीय रणनीति की अनदेखी महंगी पड़ेगी। जसपाल ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका द्वारा भारत के साथ गठबंधन बनाने का सीधा असर पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को क्वॉड को लेकर कड़ी आपत्ति है। इसकी वजह इस गठबंधन के अंदर भारत की सक्रिय भूमिका है। जसपाल ने अपने लेख में आगे लिखा कि पाकिस्तान क्वॉड का विरोध करता है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत को अमेरिका हिंद महासागर में बढ़ावा दे रहा है। पाकिस्तानी प्रफेसर ने कहा कि भारत ने हाल ही में बंगाल की खाड़ी में अंडरग्राउंड सबमरीन बेस वर्षा का निर्माण तेज कर दिया है। यहां अरिहंत जैसी 12 परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल सबमरीन को छिपाया जा सकता है। प्रॉजेक्ट वर्षा के पूरा होने पर भारत की नौसैनिक ताकत में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हो जाएगी। इससे अब भारत अपनी परमाणु सबमरीन जैसे अरिहंत को एशिया प्रशांत क्षेत्र के उन जगहों तक आसानी से भेज पाएगा जहां से मालवाहक जहाज गुजरते हैं। पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने कहा कि अंडरग्राउंड सबमरीन बेस वर्षा से भारत अपनी परमाणु पनडुब्बियों को बिना सैटलाइट की पकड़ में आए बंगाल की खाड़ी के अंदर तैनात कर सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत के नौसैनिक ताकत के बढ़ने से पाकिस्तान में असुरक्षा बढ़ेगी। इसके अलावा चीन के माल को लेकर जाने वाले जहाजों की भी मलक्का स्ट्रेट में चुनौती बढ़ जाएगी। बता दें कि चीन दुनिया की फैक्ट्री कहा जाता है और उसका अरबों डॉलर का व्यापार मलक्का स्ट्रेट के रास्ते होता है। इसी वजह से इसे चीन की दुखती रग भी कहा जाता है। अमेरिका और भारत मलक्का स्ट्रेट में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। इस क्षेत्र पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भारत ने अंडमान निकोबार में सेना को तैनात कर रखा है। बता दें कि आंध्र प्रदेश समुद्र तट के पास बन रहे अंडरग्राउंड सबमरीन बेस वर्षा का सीक्रेट और दुर्जेय न्यूक्लियर पनडुब्बी अड्डा होगा। इस बेस को अत्याधुनिक इंजीनियरिंग से तैयार किया जा रहा है। इसमें पहाड़ों में कई सुरंग किए गये हैं। साथ ही बड़े बड़े घाटों का निर्माण किया गया है। वर्षा से सिर्फ भारतीय तटों तक ही नहीं, बल्कि विशाल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में काफी आसानी से चीन का शिकार किया जा है।
Rajneesh kumar tiwari