जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत का घातक यूसीएवी यानी मानव रहित लड़ाकू विमान अब और भी घातक हो जाएगा। दुश्मनों पर कहर बरपाने और सटीक वार के लिए डीआरडीओ ने बड़ा प्लान तैयार किया है। अब इसे मानव युक्त बमवर्षक विमान में बदलने की प्लानिंग तेजी से आगे बढ़ रही। इसके लिए कई जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। भारत लगातार अपने डिफेंस प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में जुटा है। इसके लिए फाइटर जेट से लेकर कई नई तकनीक डेवलप की जा रही। इसी कड़ी में देश के सबसे घातक मानवरहित लड़ाकू विमान यानी यूसीएवी को मानवयुक्त बमवर्षक में बदलने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस पर काफी काम हो चुका है। जिससे ये दुश्मनों के लिए और भी खतरनाक बन जाए। इस खास प्रोग्राम को स्वदेशी रक्षा तकनीक में एक महत्वपूर्ण छलांग बताया जा रहा। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने इसके लिए खास प्लान तैयार किया है। बता दें कि घातक यूसीएवी को सीक्रेट तरीके से आक्रामक अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है। इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिसमेंट यानी एडीई की ओर से डिजाइन किया गया है। ये स्वदेशी 49 के एन ड्राई कवेरी इंजन से संचालित होता है। रिपोर्ट के मुताबिक घातक कार्यक्रम की शुरूआत एडीई के एसडब्ल्यूआईएफटी यानी स्टेल्थ विंग फ्लाइंग टेस्टबेड से हुई है। यह 1.1 टन का टेक्नोलॉजिकल प्रदर्शन करने वाला था। इसका इस्तेमाल यूसीएवी के खास फ्लाइंग-विंग डिजाइन को और मारक बनाने के लिए किया जा रहा। बता दें कि मानव रहित विमान को मानव युक्त बनाने के लिए यूसीएवी का वजन 13-टन वजन तक बढ़ाया गया है। इसमें लड़ाकू विमानों से जुड़े हाइटेक खूबियों को शामिल किया गया है। जरूरत पड़ने पर ये यूसीएवी और भी सटीक निशाना लगा सकें। इन्हें हथियार ले जाने के लिए भी डिजाइन किया गया है। घातक यूसीएवी को मानव रहित 13-टन प्लेटफॉर्म से मानवयुक्त बाम्बर में बदलने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें संरचनात्मक बदलाव के साथ ही ईंधन क्षमता बढ़ाने, उन्नत एवियोनिक्स, पायलट नियंत्रण सिस्टम और संभावित कवच की जरुरत होगी। इन सभी की वजह से इसके वजन में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी। मौजूदा घातक डिजाइन में फ्रंट-सेंटर इनटेक है। बॉम्बर के लिए, साइड इंटेक, जैसा कि बी-2 स्पिरिट जैसे स्टील्थ एयरक्राफ्ट में देखा जाता है। ये बेहतर एयरफ्लो, कम रडार सिग्नेचर और कॉकपिट के साथ सपोर्ट में बेहतर होगा। यूसीएवी में जरूरी बदलाव के बीच बॉम्बर भूमिका के लिए नेविगेशन, टारगेट और आत्मरक्षा सिस्टम को भी मॉडर्न और पॉवरफुल बनाया जा रहा है। इसमें बम के साथ-साथ स्टैंडआफ मिसाइलों और विभिन्न प्रकार के हथियारों को जोड़ा जाएगा। बता दें कि कावेरी इंजन यूसीएवी के लिए पर्याप्त है। वहीं जब इसका इंजन भी बदल दिया जाएगा तब इसके प्रदर्शन और गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि हो जाएगी।
Rajneesh kumar tiwari