जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत की आर्थिक तरक्की देखकर दुनिया अचंभित है। नई रिपोर्ट के अनुसार चीन, अमेरिका, जापान सभी भारत से पीछे हैं। अब 10 साल तक भारत तेज ग्रोथ में दुनिया का सरताज बना रहेगा। भारतीय बाजार सरपट दौड़ने में लगे हैं। यहां न किसी तरह की मंदी की आशंका है। न बाजार डूबने का डर सता रहा है। भारत की स्थितियां दुनिया से जुदा दिख रही रही हैं। यही वजह है कि हर कोई उस पर दांव लगाने को तैयार है। अमेरिका के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन के चेयरमैन और सीईओ जेमी डिमॉन ने भी बीते रोज इस बात पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा कि भारत इस दशक के अंत तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे डिजिटल और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की वजह से मुमकिन होगा। इस विकास से मैन्यूफैक्चरिंग, एडवांस्ड प्रोडक्ट और सर्विसेज से जुड़ी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हो रही हैं। रे डेलियो का महान शक्ति सूचकांक 2024 के मुताबिक अगले 10 साल में भारत का एवरेज जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रहेगा। दूर-दूर तक कोई भारत के मुकाबले में नहीं है। इस दौरान चीन का एवरेज जीडीपी ग्रोथ रेट 4 प्रतिशत और अमेरिका का 1.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। भारत के बाद दूसरे नंबर पर यूएई रहेगा जिसका अगले 10 साल में एवरेज जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान है। भारत अभी दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी है और माना जा रहा है कि जल्दी ही वह जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। बता दें कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इकॉनमी है। अगले कई साल तक इसके टॉप पर रहने का अनुमान है। इसके पहले वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ समेत दुनिया की कई एजेंसियों भारत की इकॉनमी का लोहा मान चुकी हैं। मोदी सरकार और इंडियन इकोनॉमी के लिए पहली अच्छी खबर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ओर से आई है। इसके मुख्य अर्थशास्त्रियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बताया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अपनी रिपोर्ट में दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर बढ़ते कर्ज और राजकोषीय चुनौतियों के कारण पड़ने वाले दबावों पर चिंता जताई है। सर्वे के अनुसार 90 फीसदी मुख्य अर्थशास्त्री वर्ष 2024 और 2025 के लिए अमेरिका में मध्यम की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसमें शामिल करीब तीन-चौथाई लोगों ने पूरे यूरोप में ग्रोथ रेट सुस्त रहने की आशंका जताई है। इसमें खास ये है कि ड्रैगन यानी चीन की चुनौतियां बरकरार हैं। अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि चीन चुनौतियों से जूझ रहा है। 40 फीसदी अर्थशास्त्रियों ने 2024 और 2025 दोनों के लिए चीन की कमजोर या बहुत कमजोर ग्रोथ की भविष्यवाणी की है। एस एंड पी ग्लोबल की एक रिपोर्ट में पिछले हफ्ते कहा गया था कि भारत 2030-31 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान को 6.8 फीसदी पर बरकरार रखा। उसे उम्मीद है कि भारत अक्टूबर मासह में मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती शुरू करेगा। बेल्जियम, फ्रांस, स्पेन और स्विट्जरलैंड में अगले 10 साल के दौरान एवरेज जीडीपी ग्रोथ रेट 0.2 प्रतिशत से 1 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है। वहीं यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी और इटली का एवरेज जीडीपी ग्रोथ रेट -0.5 फीसदी रहने का अनुमान है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी के मुताबिक इस साल भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रह सकता है। बता दें कि भारत अभी अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी है। जिस तरह से जर्मनी और जापान की इकॉनमी सुस्त है उससे जल्द ही भारत के तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। कुछ दिनों पहले डेलॉइट ने भी कहा था कि धूमिल वैश्विक दृष्टिकोण के बीच भारत का चमकता स्थान बना हुआ है। देश प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में 7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज कर सकता है।
Rajneesh kumar tiwari