जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। बांग्लादेश के बाद एक और मुस्लिम देश में तख्ता पलट होने वाला है। तुर्किए के खलीफा एर्दोगन के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इससे दुनिया में इस्लामिक देशों का नेता बनने की चाह रखने वाले एर्दोगन की कुर्सी पर ही खतरा मंडराने लगा है। दुनिया के कई देशों में इस वक्त संघर्ष जारी है। कुछदेश अन्य देशों के साथ युद्ध कर रहे हैं, तो कई देशों में आंतरिक संघर्ष देखने को मिल रहा है। ऐसे में बांग्लादेश के बाद अब एक और मुस्लिम देश में सत्ता के तख्तापलट के हालात दिख रहे हैं। वह देश तुर्किए है। यहां के खलीफा राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन हैं। तुर्किए की हजारों की संख्या में जनता इस वक्त देश के नेता रेसेप तैयप एर्दोगन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरी हुई है। देश में हालात अब इतने बिगड़ गए हैं कि तुर्किए के प्रशासन ने अगले 4 दिनों तक देश में किसी भी तरह के प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि पिछले कुछ सालों में तुर्किए के खलीफा रेसेप तैयप एर्दोगन दुनिया के अन्य देशों की राजनीति में दखल देते हुए दिखाई दिए हैं। चाहे वो सीरिया हो या गाजा। यहां तक की कई बार खलीफा एर्दोगन अपने आप को मुस्लिम वर्ल्ड का लीडर साबित करते हुए सऊदी अरब और ईरान को सीधी चुनौती देते हुए भी दिखाई दिए थे। अब उनके अपने ही देश में उनकी राजनीतिक जड़े कमजोर हो गई है। देश में अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए वह अपने सभी विरोधियों की गिरफ्तारी करवाने में लगे हुए हैं। तुर्की की पुलिस ने एर्दोगन के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी और देश की सबसे बड़ी आबादी वाले शहर इस्तांबुल के मेयर को हिरासत में ले लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य अगले राष्ट्रपति चुनाव से पहले सभी संभावित दावेदारों को हटाना और एर्दोगन के आगे के शासन के लिए राह आसान करना है। इमामोग्लू को भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ जांच के तहत हिरासत में लिया गया है। बता दें कि इमामोग्लू के खिलाफ कार्रवाई के बाद तुर्की में विपक्षी भड़क गए हैं। तुर्की के मुख्य विपक्षी दल ने इस कार्रवाई को अगले राष्ट्रपति के खिलाफ तख्तापलट कहते हुए इसकी निंदा की है। साथ् ही बड़े पैमाने पर विरोध का आह्वान किया है। मेयर इमामोग्लू से जुड़े करीब 100 और लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। जिनमें इस्तांबुल डिस्ट्रिक्ट मेयर रेसुल इमरान साहन और मूरत कालिक शामिल हैं। बता दें कि 54 वर्षीय इमामोग्लू की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब कुछ ही दिनों में उन्हें प्रमुख विपक्षी रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी का आधिकारिक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना था। इमामोग्लू कई सर्वेक्षणों में एर्दोगन से आगे चल रहे हैं। उनके खिलाफ दो अलग-अलग जांच चल रही है, जिसमें आपराधिक संगठन का नेतृत्व करने, रिश्वतखोरी और टेंडर में धांधली के आरोप भी शामिल हैं। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हाथ से लिखे एक पत्र में मेयर इमामोग्लू ने कहा कि तुर्की के लोग उनके खिलाफ झूठ, साजिश और जाल बुनने का जवाब देंगे। इसके पहले घर से पुलिस स्टेशन के लिए निकलने से पहले उन्होंने कहा कि वे दबाव आगे हार नहीं मानेंगे। इस बीच एर्दोगन के न्याय मंत्री ने इमामोग्लू की हिरासत को तख्तापलट कहने और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के खिलाफ चेतावनी दी है। ऐसे में तुर्किए में 4 चार दिन के प्रदर्शन पर प्रतिबंध के बावजूद हजारों की संख्या में इस्तांबुल के पुलिस मुख्लालय, सिटी हॉल और इमामोग्लु के पार्टी आॅफिस का इकट्ठा हुए। लोगों ने इमामोग्लू की गिरफ्तारी को अवैध और बेबुनियाद बताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।
Rajneesh kumar tiwari