जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने ऐसा काम किया है जिससे पुतिन की टेंशन बढ़नी तय है। अमेरिका ने रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 का काल तैयार किया है। इसका नाम है। यह मिसाइल सिस्टम हाइपरसोनिक गति से उड़ान भर सकता है। यह जर्मनी में तैनात होगा। डार्क ईगल 3700 मीटर प्रति सेकंड की गति से उड़ान भर सकता है। मौजूदा समय में दुनिया का हर देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहा है। अब अमेरिका ने एक नया मिसाइल सिस्टम तैयार किया है। अमेरिका रक्षा विशेषज्ञों ने इसे डार्क ईगल नाम दिया है। अमेरिकी की ये एंटी मिसाइल प्रणाली खासतौर से रूस के लिए चिंता का सबब बनने जा रहा है। अमेरिका की प्रणाली को रूस के एस-300वी, एस-400 और एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम से बेहतर बताया जा रहा है। बता दें कि रूसी के इन सभी हथियारों को दुनिया के बेहतरीन प्रणालियों में गिना जाता है। रूसी हथियारों की काट के लिए बनाया गया डार्क ईगल मिसाइल सिस्टम एलआरएचडब्ल्यू आर के साथ काम करता है। इसमें हाइपरसोनिक वारहेड लगा है। जो इस सिस्टम को बेहद खतरनाक बनाता है। आर्मी रिकगनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की यह मिसाइल मैक 17 की रफ्तार से उड़ान भर सकती है। यह गति ही इसे रडार से बचने और निशाने पर सटीकता से वार करने में मदद करती है। इसका परीक्षण हाल ही में केप केनावेरल में लॉन्चर की तैनाती के साथ किया गया है। अमेरिकी सेना इसे एक से दो साल में पूरी तरह तैयार करने पर काम कर रही है। इस सिस्टम को जर्मनी में तैनात किया जाएगा। जहां यह रूस के ओरेश्निक हाइपरसोनिक सिस्टम का मुकाबला करेगा। एक्सपर्ट का कहना है कि डार्क ईगल मिसाइल सिस्टम अमेरिका की एक उपलब्धि है। मध्यम दूरी के इस बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम से यूएस मिसाइल रक्षा तकनीक में नई छलांग लगाई है। इंटीग्रेट डार्क ईगल में दो-चरणों वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। अमेरिका का ये सिस्टम कम ऊंचाई पर भी प्रभावी हैं। साथ ही तेज और गतिशील हाइपरसोनिक वारहेड को रोकने में सक्षम है। इसका सीएचजीबी वारहेड 50 किलोमीटर से कम ऊंचाई पर 3000 से 3700 मीटर प्रति सेकंड की गति प्राप्त कर सकता है। इसने रूस के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए बड़ी चिंता पैदा कर दी है। बता दें कि रूसी एस-300 वी4, एस-400 और एस-500 दुनिया की शानदार वायु रक्षा प्रणालियों में से एक हैं। ये मध्यम गति सीमा के भीतर कम ऊंचाई पर बैलिस्टिक मिसाइलों और विमानों को रोकने के लिए बने हैं। एस-300 वी 4 और एस-400 सबसोनिक और हाइपरसोनिक खतरों के खिलाफ काम करते हैं। वहीं ए-500 भी हाइपरसोनिक वारहेड को ट्रैक करने में सक्षम है। भारत के पास भी एस-400 है। अब अमेरिका का डार्क ईगल रूसी सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठा सकता है। खासकर इसकी गति और ऊंचाई की मारक क्षमता रूसी सिस्टम को ध्वस्त कर सकती है।
Rajneesh kumar tiwari