जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। इसरो भविष्य में कई बड़े अंतरिक्ष मिशनों को लांच करने वाला है। इससे पूरी दुनिया में भारतीय स्पेश एजेंसी का डंका बजेगा। भारत के अंतरिक्ष मिशनों में आर्यभट्ट से लेकर गगनयान तक का सफर शामिल है। ऐसे में कई अंतरिक्ष अभियान रहे हैं जिन्होंने भारतवासियों को गौरव का अहसास कराया। इनकी जानकारी हर छात्र को होनी चाहिए जिनसे किसी भी परीक्षा में सवाल पूछा जा सकता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार सफलता हासिल कर जा रहा है। इसरो ने आने वाले कुछ सालों में कई बड़े अंतरिक्ष मिशनों को लांच करने की योजना बनाई है। इनमें गगनयान-1, चंद्रयान-4, मंगलयान-2, शुक्रयान-1 और नासा के साथ मिलकर सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन शामिल हैं। बता दें कि पूर्व में लांच हुए इसरो के चंद्रयान-3 और मंगलयान-1 मिशन ने बड़ी सफलता हासिल की और इतिहास रचा था। बता दें कि इसरो आज जो कीर्तिमान रच रहा है इसके पीछे वर्षों की मेहनत शामिल है। सबसे पहला कदम आर्यभट्ट से शुरू हुआ। 19 अप्रैल 1975 को भारत ने अपना पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट, अंतरिक्ष में भेजा। यह हमारे लिए एक नई शुरूआत थी। इसने हमारे वैज्ञानिकों को उपग्रह तकनीक के बारे में बहुत कुछ सिखाया था। अगले साल भारत गगनयान मिशन को लांच कर सकता है। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम को पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाया जाएगा। 3 दिन समय बिताने के बाद उन्हें पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। इसी तरह इसरो चंद्रयान-4 मिशन 2027 में लांच करने वाला है। चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से सैंपल लेना और उन्हें अध्ययन के लिए पृथ्वी पर वापस लाना होगा। मंगलयान-2 मिशन को इसरो 2021 में लांच कर सकता है। मिशन के तहत एक आर्बिटर, हाई-रेजोल्यूशन कैमरा और रडार से लैस अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा। इसमें एक रोवर और हेलीकाप्टर भी शामिल करने की योजना है। इसके तहत मंगल के वायुमंडल और जलवायु का अध्ययन किया जाएगा। इसी तरह शुक्रयान-1 मिशन को भी जल्द लांच करने की योजना है। यह शुक्र ग्रह के वातावरण का अध्ययन करेगा। यह अपने साथ हाई-रेजोल्यूशन वाला रडार ले जाएगा। इसरो और नासा मिलकर निसार मिशन लांच करने वाले हैं। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में एक शक्तिशाली रडार वाला सैटेलाइट भेजा जाएगा। जो पृथ्वी की कक्षा में रहते हुए हर 12 दिन में धरती और ग्लेशियर का विश्लेषण करेगा। एक्सिओम-4 मिशन भी इसरो और नासा का साझा मिशन है। जिसके तहत 4 अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन भेजे जाएंग। इसमें शुभांशु शुक्ला शामिल होंगे।
Rajneesh kumar tiwari