जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। 9 दिसंबर को भारतीय नौसेना एक और बड़ा मुकाम हासिल कर लेगी। इससे न केवल समुद्र की सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि दुश्मन सिर पर पैर रखकर भाग जाएंगे। 9 दिसंबर को जंगी जहाज आईएनएस तुशिल को नौसेना में शामिल किया लिया जाएगा। यह तलवार क्लास का स्टेल्थ फ्रिगेट हैं। ऐसे में यह जानने में दिलचस्पी होती है कि आखिकार इस युद्धपोत में ऐसा क्या खास है कि इसे नौसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय नौसेना को एक और अत्याधुनिक युद्धपोत मिलने जा रहा है। यह युद्धपोत 9 दिसंबर को रूस के कलिनिनग्राद में भारत को डिलीवर किया जाएगा। इस मल्टी रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को आईएनएस तुशील नाम दिया गया है। रूस में भारतीय युद्धपोत की डिलीवरी के लिए एक विशेष समारोह आयोजित किया जा रहा है। जिसकी अध्यक्षता भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इस अवसर पर कई उच्च रैंक वाले रूसी और भारतीय रक्षा अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। 409 फीट लंबा और 3900 टन वजन वाला यह जहाज बेहद घातक है। यह अत्याधुनिक तकनीकों और समुद्र में मारक क्षमताओं का प्रभावशाली मिश्रण है। इस जहाज पर लगभग 200 नौसैनिक रह सकते हैं। जहाज का नया डिजाइन इसे रडार से बचने और बेहतर स्थिरता प्रदान करता है। भारतीय नौसैनिक विशेषज्ञों और सेवनॉय डिजाइन ब्यूरो के सहयोग से जहाज की स्वदेशी सामग्री को 26 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। आईएनएस तुशील सबसे नौसेना के स्वॉर्ड आर्म पश्चिमी बेड़े में शामिल होगा। यह न केवल भारतीय नौसेना की बढ़ती क्षमताओं का, बल्कि भारत-रूस साझेदारी का भी प्रतीक होगा। इसके नाम यानी तुशिल का मतलब होता है अभेद्य कवचम। यानी प्रोटेक्टर शील्ड। इसका ध्येय वाक्य है निर्भय, अभेद्य और बलशील। यह भारतीय नौसेना की ताकत और समुद्री दमखम को दिखाता है। इसे क्रिवाक क्लास-3 फ्रिगेट यानी प्रोजेक्ट 1135 के तहत बनाया गया है। इसकी कई सारी विशेषताएं इसे अन्य युद्धपोतों से भिन्न बनाती हैं। आईएनएस तुशिल का समंदर में डिस्प्लेसमेंट 3900 टन है। इसकी लंबाई 409 फीट है। इसकी बीम 49 फीट और ड्रॉट 13 फीट है। ये समंदर में अधिकतम 59 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है। अगर इसकी गति को 26 किलोमीटर प्रति घंटे किया जाए तो ये 4850 किलोमीटर की रेंज को कवर कर सकता है। यह जंगी जहाज 30 दिन तक समंदर में तैनात रह सकता है। उसके बाद इसमें रसद और ईंधन डलवाना पड़ता है। ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं। साथ ही इसमें 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। इसमें 24 श्टिल-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं। इसमें 8 इगला-1ई, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब भी लगे हैं। साथ ही 8 वर्टिकल लांच एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात है। इसमें एक 100 मिलिमीटर की ए-190 ई नेवल गन लगी है। इसके अलावा एक 76 एमएम की ओटो मेलारा नेवल गन लगी है। 2 एके-630 और 2 काश्तान सीआईडब्ल्यूएस गन लगी हैं। इन खतरनाक बंदूकों के अलावा दो 533 मिलिमीटर की टॉरपीडो ट्यूब्स हैं। एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात किया गया है। इस जंगी जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है।
Rajneesh kumar tiwari