जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। 48 साल बाद गुजरात में अरब सागर से बड़ी तबाही आने वाली है। दशकों बाद अरब सागर में चक्रवात बन रहा है। इस चक्रवात को असना नाम दिया गया है। इसको लेकर समुद्र तट के आसपास रहने वालों के घर खाली कराए जा रहा है। वहीं आईएमडी ने इसको लकर अलर्ट जारी किया है। 48 साल बाद अगस्त में अरब सागर में आसामन्य चक्रवाती तूफान की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने कहा कि गुजरात के करीब यह तूफान 12 घंटे में देखने को मिल सकता है। तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात के कच्छ में दिखेगा। यहां से 75 से लेकर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। तूफान के चलते राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, द्वारका में भी भारी बारिश का अलर्ट है। कच्छ और राजकोट में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। कच्छ में कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को घर खाली करने का आदेश दिया है। कलेक्टर ने कहा है कि जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले। असना नाम का चक्रवात 1976 के बाद से अगस्त में अपनी तरह का पहला चक्रवात होगा। इसके गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र से ओमान तट की ओर बढ़ने की आशंका है। आईएमडी के मुताबिक, इस चक्रवाती तूफान के उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर से निकलकर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर ओमान के तट की ओर बढ़ने की आशंका है। चक्रवात का नाम असना होगा। यह पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया नाम है। बता दें कि 1 हफ्ते से जारी बारिश के कारण गुजरात में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। यहां 4 दिन 32 लोगों की जान गई है। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 1 जून से 29 अगस्त के बीच सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में 799 मिमी बारिश हुई है। जबकि इसी अवधि में सामान्य 430 मिमी बारिश होती है। इस अवधि में सामान्य से 86 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। आईएमडी ने कहा कि इसके उत्तरी आंध्र प्रदेश और आसपास के दक्षिण ओडिशा तटों की ओर बढ़ने और रविवार तक पश्चिम-मध्य और इससे सटे उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर दबाव में तब्दील होने की संभावना है।एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बाद सेना को भी तैनात किया गया है। इतनो खराब हालात के बाद अब एक और तबाही दस्तक देने वाली है। मौसम विभाग ने बताया कि सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र यानी डीप डिप्रेशन अरब सागर की ओर शिफ्ट होते हुए चक्रवाती तूफान में बदलता दिख रहा है। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि यह 12 घंटों में स्ट्रान्ग होकर तूफान में बदल जाएगा। इस तूफान का गुजरात में लैंडफाल नहीं होगा। बता दें कि आमतौर पर तूफान समुद्र से जमीन की ओर आता है, लेकिन इस बार तूफान जमीन से समुद्र की ओर जाते दिख रहा है। मौसम विभाग ने कहा है कि अरब सागर के बाद यह तूफान पाकिस्तान की ओर मुड़कर कमजोर पड़ सकता है। फिलहाल तूफान के रूट को ट्रेस करना मुश्किल है। मौसम विभाग ने कहा है कि बहुत ही रेयर केस में अरब सागर में अगस्त में चक्रवाती तूफान देखने को मिलते हैं। अब तक सिर्फ तीन तूफान अगस्त में अरब सागर से उठे हैं। पहली बार अगस्त 1944 में तूफान आया था। इसके बाद 1964 में गुजरात के तट पर साइक्लोन आया था। अगस्त में आखिरी तूफान 1976 में आया था। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में 132 सालों में अगस्त में 28 तूफान आ चुके हैं।
Rajneesh kumar tiwari