जनप्रवाद संवाददाता, संभल। संभल में 46 वर्ष बाद खुले मंदिर और कूप को लेकर बड़ी खबर आई है। प्रशासन ने इस जगह की कार्बन डेटिंग कराने का फैसला किया है। इससे इस मंदिर में दफन हुए कई राज सामने आएंगे। वहीं प्राचीन कुएं की खोदाई के दौरान भगवान शिव, गणेश और माता पार्वती की खंडित मूर्तियां मिली हैं। इसकी भी जांच होगी कि यह मंूर्तियां खंडित कैसे हो गई। संभल में अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ जारी अभियान के दौरान जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि करीब 46 साल बाद खोले गए मंदिर और कूप की कार्बन डेटिंग के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई को पत्र लिखा गया है। पेंसीया ने कहा कि यह कार्तिक महादेव का मंदिर है। यहां एक कूप यानी कुआं मिला है। पहले इसे अमृत कूप कहा जाता है। यहां अब भी अतिक्रमण है। कई जगहों से अतिक्रमण हटाया गया है। बचे हुए अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा। दूसरी ओर पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि मंदिर की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे क्षेत्र को सीसीटीवी से कवर किया गया है। यहीं पर कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है। जिससे यहां चौबीसों घंटे सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे और कोई अराजक तत्व यहां न आ सके। एएसपी श्रीश चंद्र ने कहा कि सुबह सात बजे से नखासा थाना अंतर्गत हिन्दू पुरा खेड़ा क्षेत्र में मकानों के बाहर हुए अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। यह इलाका सपा के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क के आवास के करीब है। प्राचीन कुएं की खोदाई के दौरान भगवान शिव, गणेश और माता पार्वती की खंडित मूर्तियां मिली हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मूर्तियों को अपने संरक्षण में ले लिया है। एएसपी श्रीशचंद ने बताया कि मूर्तियां कुएं में मलबा और मिट्टी के बीच पाई गईं। कुएं की खोदाई अभी जारी है। मूर्तियां खंडित कैसे हुईं इसकी भी जांच और जानकारी करवाई जा रही है। बता दें कि मालूम हो 1978 में हुए दंगे के बाद खग्गू सराय के 40 रस्तोगी परिवारों ने पलायन कर दिया था। मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के कारण मंदिर की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। 1978 के बाद पहली बार शिव-हनुमान मंदिर के कपाट खोल दिए गए। भक्तों ने मंदिर की दीवारों पर ॐ नम: शिवाय और हर हर महादेव लिख खुशी प्रकट की। प्रशासन ने मंदिर परिसर को साफ कर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। मंदिर के महंत आचार्य विनोद शुक्ला ने बताया कि फिलहाल लगभग 20 से 25 श्रद्धालुओं ने यहां आकर पूजा अर्चना की। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। शुक्ला ने कहा कि मुझे इस मंदिर का सेवा का अधिकार मिला है। मैं नियमित रूप से इस कर्तव्य का निर्वहन करूंगा। यहां सुरक्षा व्यवस्था के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। शुक्ला ने कहा कि इससे पहले भगवान शिव के परिवार की मूर्तियों को वस्त्र धारण कराए गए। हनुमान जी की प्रतिमा को चोला पहनाया गया। स्थानीय लोग इस मंदिर को 200 वर्षों से भी अधिक पुराना मानते हैं। मंदिर की जर्जर स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन और श्रद्धालुओं ने पहल शुरू कर दी है। आचार्य विनोद शुक्ल ने बताया कि अभी पूजा-अर्चना अस्थायी रूप से कराई जा रही है। जल्द ही एक स्थायी पुजारी की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए प्रशासन प्रयासरत है। वहीं स्थानीय निवासियों ने मंदिर को फिर से खोलने के लिए प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
Rajneesh kumar tiwari