जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों को ऐसा ग्रह मिला है जहां 33000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान चल रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा तूफान अगर पृथ्वी पर आ जाए तो प्रलय निश्चित है। तूफान को सुपरसोनिक जेटस्ट्रीम नाम दिया गया है। यह सौरमंडल से बाहर दर्ज की गई सबसे तेज हवाएं हैं। छोटे तूफान भी भारी तबाही मचा देते हैं। पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली हवाओं की रफ्तार 407 किलोमीटर प्रति घंटे होती है। वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसे तूफान का पता लगाया है, जिसमें 33,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। खगोलविदों ने सौरमंडल के एक बाहरी ग्रह पर सुपरसोनिक जेटस्ट्रीम का पता लगाया है। यह अंतरिक्ष में अब तक की सबसे तेज हवाएं हैं। अगर यह पृथ्वी पर आ तो धरती पर हो तो जीवन मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि जिस ग्रह पर तूफान चल रहा है वह पृथ्वी से 500 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। ग्रह का नाम वाष्प 127 बी ग्रह है। यह एक विशाल गैसीय ग्रह है। यह ग्रह भले ही बृहस्पति से थोड़ा बड़ा है. लेकिन इसका द्रव्यमान बहुत कम है।बता दें कि 2016 में इस विशाल ग्रह को खोजा गया था। इस ग्रह के भूमध्य रेखा पर मजबूत हवाओं का एक बड़ा बैंड है। यह हमारे सौरमंडल के गैसीय ग्रहों पर दिखने वाली धारियों की ही तरह है। इन हवाओं की गति अभी तक रहस्यमय थी। एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में इससे जुड़ा एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है। जिसमें हवाओं की गति बताई गई है। चिली में मौजूद यूरोपीय साउदर्न के एक विशाल टेलीस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने इन हवाओं की गति मापी। स्टडी की प्रमुख लेखिका, जर्मनी के गॉटिंगन यूनिवर्सिटी की एस्ट्रोफिजिसिस्ट लिसा नॉर्टमैन हैं। उन्होंने लिखा कि ग्रह के वायुमंडल का एक हिस्सा हमारी ओर बहुत तेज गति से बढ़ रहा है। जबकि दूसरा हिस्सा समान गति से दूर जा रहा है। यह संकेत है कि ग्रह के भूमध्य रेखा पर एक बहुत तेज जेट स्ट्रीम है। वाष्प-127 बी पर हवाओं की रफ्तार 9 किलोमीटर प्रति सेकंड है। यह 5वीं श्रेणी के तूफान की सीमा से 130 गुना तेज है। नासा के मुताबिक यह नेप्च्यून ग्रह के सबसे बड़े जेटस्ट्रीम में हवाओं की तुलना में लगभग 18 गुना तेज है। यह सौर मंडल में दर्ज की गई सबसे तेज हवा है। शोधकर्ताओं ने इस ग्रह के वायुमंडल से गुजरने वाले प्रकाश का विश्लेषण करके बादलों की संरचना निर्धारित की है। इससे पता चलता है कि घूमते बादलों में जलवाष्प और कार्बन डाइआॅक्साइड दोनों मौजूद हैं। ये दोनों यौगिक पृथ्वी पर जीवन से जुड़े हैं। इकट्ठा किए गए तापमान डेटा से पता चला कि इस ग्रह के ध्रुवीय क्षेत्र बाकी हिस्सों की तुलना में ठंडे हैं। ग्रह पर दिन और रात के तापमान में मामूली अंतर है।
Rajneesh kumar tiwari