नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 में शुरू हुआ युद्ध अभी जारी है। इस युद्ध में सुपर पॉवर रूस ने यूक्रेन को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। लेकिन अब, यूक्रेन को ऐसा ‘ब्रह्मास्त्र’ मिलने वाला है, जिससे राष्ट्रपति पुतिन की नींद उड़ गई है। यह ऐसा हथियार है जिसके बूते यूक्रेन रूस पर भारी पड़ सकता है। यूक्रेन को मिलने वाले इस ‘ब्रह्मास्त्र’ का नाम स्टॉर्म शैडो है। इस क्रूज मिसाइल को ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर तैयार किया है। फ्रांस में इसे ‘स्कैल्प’ कहा जाता है। 250 किलोमीटर मारक क्षमता वाली यह मिसाइल लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने के लिए जानी जाती है। इस मिसाइल को विमान से लॉन्च किया जा सकता है। यह ध्वनि की रफ्तार से उड़ते हुए अपने लक्ष्य को पल भर में खाक कर देती है। जमीन के करीब उड़ान भरने की वजह से इसका रडार में पकड़ आना मुश्किल होता है। स्टॉर्म शैडो मिसाइल को बंकरों और गोला-बारूद के भंडारों को भेदने के लिए आदर्श हथियार माना जाता है। एक स्टॉर्म शैडो बनाने में करीब 10 लाख डॉलर का खर्च आता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए स्टॉर्म शैडो समेत लंबी दूरी की मिसाइलों की आवश्यकता पर जोर दिया है। हालांकि, ब्रिटेन और फ्रांस ने पहले ही यूक्रेन को ये मिसाइलें भेज दी थीं, लेकिन यह शर्त रख दी थी कि यूक्रेन इसे अपनी सीमाओं के अंदर ही दाग सकता है। यूक्रेन लंबे समय से इन मिसाइलों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने मांग कर रहा है। अब जल्द ही यूक्रेन को रूस के खिलाफ स्टॉर्म शैडो के इस्तेमाल की अनुमति मिलने वाली है। अमेरिका और ब्रिटेन रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए स्टॉर्म शैडो के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंधों को हटाने जा रहे हैं। ऐसे में मॉस्को ने इसकी संभावना को देखते हुए पहले ही सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। रूस अपने बमवर्षकों, मिसाइलों और कुछ बुनियादी ढांचे को यूक्रेन की सीमा से दूर ले जा रहा है। हालांकि, उसके कई ठिकाने अभी भी स्टॉर्म शैडो की रेंज में है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लगभग 200 रूसी ठिकानों की पहचान की गई है जो यूक्रेन से दागे स्टॉर्म शैडो की सीमा में होंगे। अगर अमेरिका इन मिसाइलों के उपयोग की मंजूरी देता है तो कुछ अतिरिक्त अड्डे भी इसकी जद में आ जाएंगे। हालांकि, यूक्रेन के पास अपना खुद का लंबी दूरी का ड्रोन है। इन ड्रोन ने कई बार रूस में सैकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर हमला किया है। लेकिन ये ड्रोन केवल छोटे पेलोड ले जा सकते हैं और अधिकांश का पता लगा लिया जाता है। बता दें कि आए दिन रूस अपनी सीमा के अंदर से यूक्रेन के सैन्य ठिकानों, आवासीय इमारतों और अस्पतालों पर मिसाइलों और ग्लाइड बम से हमला करता रहता है। लेकिन, अब स्टॉर्म शैडो की मंजूरी मिलने के बाद युद्ध के हालात बदल सकते हैं।
Arun kumar baranwal