नई दिल्ली। वैज्ञानिक ने समुद्र की गहराइयों में छिपे एक रहस्यमयी दैत्याकार जीव को खोजने का दावा किया है। समुद्र की अथाह गहराइयों में छिपे इस जीव का नाम कोलोसल स्क्विड है। 100 साल पहले इस जीव को पहली बार जीवित देखा गया है। इतने वर्षों बाद इसे फिर से दिखाई देना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है। वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के बर्फीले पानी में पहली बार कोलोसल स्क्विड को जीवित और तंदुरुस्त कैमरे में कैद किया है। पानी के अंदर इस अद्भुत और भयानक जीव को देखकर वैज्ञानिकों की सांसे थम सी गर्इं। कोलोसल स्क्विड दुनिया का सबसे भारी बिना रीढ़ वाले विशाल आकार के लिए जाना जाता है। यह 23 फीट लंबा और इसका वजन 500 किलोग्राम तक हो सकता है। इसकी आंखें फुटबॉल के आकार की होती हैं। कोलोसल स्क्विड के आठ हाथों और दो लंबे टेंटकल्स पर घूमने वाले हुक होते हैं। इसकी बड़ी-बड़ी आंखे, लंबी भुजाएं और घातक चूसकने वाले पंजे इसे समुद्र के सबसे रहस्यमय और खतरनाक शिकारी बनाते हैं। बीते दिनों वैज्ञानिकों की एक टीम रिमोट कंट्रोल सबमर्सिबल ‘सुबास्टियन’ के साथ अंटार्कटिका के पास 600 मीटर की गहराई में उतरी थी। अचानक टीम की सदस्य ऑकलैंड यूनिवर्सिटी की डॉ. कैट बोल्स्टैड को कैमरे में एक छोटा सा प्रेत दिखाई दिया। उन्होंने जैसे ही उस जीव के हाथों पर घूमते हुक को देखा वे चीख उठीं। उन्होंने चिल्लाते हुए कहा कि यह वही है, हमने ढूंढ लिया है। वायरल हो रहे वीडियो में कोलोसल स्क्विड की आंखों से निकलती चमकदार इंद्रधनुषी रोशनी साफ देखी जा सकती है। 360 डिग्री घूम सकने वाले शिकारी हुक और पारदर्शी शरीर जो गहरे पानी में छलावरण करता नजर आ रहा है। इस रहस्यमयी जीव को देखकर वैज्ञानिकों के हाथ-पांव फूल गए। इस जीव की वीडियो को आप भी देख सकते हैं। कोलोसल स्क्विड की संरचना और व्यवहार आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बना हुआ है। खोजे गए इस जीव को 1925 में पहली बार जीवित अवस्था में देखा गया है। अभी तक सिर्फ मृत स्क्विड ही मिले थे। व्हेल मछली के पेट में मिले अवशेषों से ही वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर रहे थे। बता दें कि वैज्ञानिकों की यह खोज ‘ओशन सेंसस’ नामक अभियान का हिस्सा थी, जिसका लक्ष्य समुद्र की एक लाख नई प्रजातियां खोजना है। इसी अभियान के तहत ही उन्हें यह रहस्यमयी जीव पहली बार जिंदा कैमरे में कैद हुआ।
Arun kumar baranwal