नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने गैलेक्सी में एक महा विशाल ब्लैक होल का पता लगाया है। दैत्याकार यह ब्लैक होल इतना खतरनाक है कि इसके सामने आने वाली हर चीज जलकर राख हो जा रही है। ब्लैक होल से निकलने वाली ज्वाला इतनी गर्म है कि उसके आसपास की चीजों में विस्फोट हो रहे हैं। जिसे देखकर वैज्ञानिक हैरान हैं। वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से आकाशगंगा में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की खोज की है। इस ब्लैक होल के मुंह से गर्म प्लाज्मा की तेज धार निकल रही है। यह ज्वाला इतनी गर्म और खतरनाक है कि तारों में धमाके हो रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इसका नाम एम-87 रखा है। इसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 6.5 अरब गुना ज्यादा है। इससे निकल रही गर्म प्लाज्मा की धार 3,000 प्रकाश वर्ष में फैली हुई है। इतनी अधिक दूरी में तबाही मचाने से वैज्ञानिक आश्चर्यचकित हैं। वैज्ञानिकों ने अनुसार, प्लाज्मा के रास्ते में आने वाली हर चीज तो नष्ट हो ही रही है। साथ ही इसके करीब जो भी वस्तु मौजूद है उसके लिए भी यह बेहद खतरनाक है। गर्म ऊर्जा की यह धार नजदीकी स्टार सिस्टमों को भी धमाके के साथ फटने पर मजबूर कर रही है। इन धमाकों को नोवा कहा जाता है। यह घटनाएं क्यों हो रहा है, वैज्ञानिक इसका रहस्य अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं। शोधकर्ताओं की टीम को लीड करने वाले वैज्ञानिक लीड ऑथर के अनुसार, हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है, लेकिन जो भी वह बेहद उत्साहजनक है। आमतौर पर सुपरमैसिव ब्लैक होल आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाते हैं। जो आसपास मौजूद पदार्थ को तेजी से निगलते हैं और भयानक रफ्तार से उसे उगल देते हैं। जैसे-जैसे पदार्थ ब्लैक होल के मुंह के करीब पहुंचता है, घर्षण के कारण वह गर्म हो जाता है। यह गर्मी तारों की तुलना में खरबों गुना अधिक प्रकाश पैदा करती है। कभी-कभी सक्रिय ब्लैक होल गिरते हुए पदार्थ को विशाल ऊर्जा की धार में बदल देते हैं जो अंतरिक्ष में फैल जाते हैं। वैज्ञानिकों ने जब हबल टेलीस्कोप के जरिए ब्लैक होल से निकले वाली धार पर नजर डाली तो उन्होंने पाया कि उसके पास वाले स्टार सिस्टम्स में बाकी आकाशगंगा के मुकाबले दोगुने से अधिक नोवा विस्फोट हो रहे थे। वैज्ञानिकों के अनुसार, नोवा धमाका स्टार सिस्टम में तब होता है जब एक सफेद बौना, एक मृत तारे का सुलगता हुआ छिलका अपने सामान्य तारा साथी से हाइड्रोजन ईंधन चुरा लेता है, जिससे वह बौना एक विशाल परमाणु बम की तरह फट जाता है। शायद ब्लैक होल की गर्म धार ऐसा ही कुछ होने का कारण बन रही है। इसका पता लगाने के लिए अब वैज्ञानिक गर्म धार के आसपास तारों के फटने पर नजर रख रहे हैं।
Arun kumar baranwal