नई दिल्ली। हमारा सौरमंडल अनेकों रहस्यों से भरा हुआ है। इन रहस्यों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों सदियोें से जुटे हुए हैं। इसी बीच नासा के वैज्ञानिकों ने आश्चर्यजनक खोज में धरती के नए चंद्रमा का पता लगाने का दावा किया है। जो पृथ्वी के साथ सूरज का चक्कर लगा रहा है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे विशाल क्षुद्रग्रह यानी एस्टेरॉयड का पता लगाया है, जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के साथ-साथ चल रहा है। वैज्ञानिकों ने इस क्षुद्रग्रह को 2023 एफडब्ल्यू-13 नाम दिया गया है। यह चंद्रमा की तरह ही पृथ्वी के समान सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। इसलिए उन्होंने इसे अर्द्ध-चंद्रमा या अर्द्ध-उपग्रह भी कहा है। 15 मीटर व्यास का यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से लगभग 1.4 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वैज्ञानिकों ने पैन-स्टार्स सर्वे दूरबीन को हवाई द्वीप पर एक निष्क्रिय ज्वालामुखी की चोटी पर रखा था। जहां से उन्होंने इस क्षुद्रग्रह का पता लगाया है। कनाडा-फ्रांस-हवाई दूरबीन के साथ ही एरिजोना में दो आब्जर्वेटरी ने भी इस क्षुद्रग्रह की उपस्थिति की पुष्टि की है। इस क्षुद्रग्रह को 1 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ में माइनर प्लैनेट सेंटर ने सूचीबद्ध किया था। बता दें कि सौरमंडल में नए चंद्रमा, ग्रहों व अन्य खगोलीय वस्तुओं को नामित करने की जिम्मेदारी इसी संगठन पर है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने क्षुद्रग्रह के मार्ग की मैपिंग के लिए एक कक्षा सिम्युलेटर का उपयोग किया। इस कक्षा सिम्युलेटर को खगोलशास्त्री टोनी डन ने विकसित किया था। मॉडल में इस क्षुद्रग्रह को पृथ्वी के बराबर ही सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हुए देखा गया। क्षुद्रग्रह धरती के चारों ओर घूम रहा था। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह कम से कम 100 ईसा पूर्व से हमारे ग्रह के साथ चक्कर लगाता हुआ प्रतीत होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जिस नए क्षुद्रग्रह की खोज की गई है इसके सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में पृथ्वी के चारों ओर लगभग 3700 अनुसरण करने की संभावना है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह पृथ्वी का अब तक ज्ञात सबसे लंबा अर्द्ध उपग्रह हो सकता है। उनका मानना है कि क्षुत्रग्रह भले ही हमारे ग्रह के अपेक्षाकृत करीब मंडरा रहा है, लेकिन इसके पृथ्वी से टकराने या किसी तरह के नुकसान पहुंचाने की संभावना नहीं है।
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