जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। साढ़े 12 हजार साल बाद ऐसा जीव फिर जिंदा हो गया है जसके नाम दुनिया खौफ खाती थी। गेम आॅफ थ्रोन्स के नाम से मशहूर इन डायर वुल्फ को साइंस की मदद से जिंदा किया गया है। यह कारनामा टेक्सस की कंपनी ने क्लोनिंग और जेनेटिक इंजीनियरिंग से किया है। अब वैज्ञानिक खुद इसके पास जाने से डर रहे हैं। हमने कहानियां सुनी हैं कि धरती पर पहले बड़े-बड़े जीव रहा करते थे। उनके सामने इंसान कभी टिक नहीं सकता था। शरीर में बेहद विशाल और बहुत ही ज्यादा ताकतवर इन जानवरों को धीरे-धीरे पर्यावरण के परिवर्तन ने विलुप्त कर दिया। अब उनके बारे में सिर्फ डॉक्यूमेंट्रीज या फिर कुछ फिल्मों में एनिमेशन के जरिये ही दिखाया जाता है। एक ऐसी ही खूंखार भेड़िए की प्रजाति को वैज्ञानिकों ने फिर जिदा कर दिया है। बता दें कि गेम आफ थ्रोन्स के नाम से मशहूर खतरनाक भेड़ियों की प्रजाति धरती से विलुप्त हो चुकी थी। वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से इस दानव को जिदा कर दिया है। अब वैज्ञानिक भी इससे डर रहे हैं। इस ऐतिहासिक वैज्ञानिक सफलता की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। अमेरिका की टेक्सस स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेज ने यह कारनाम किया है। वैज्ञानिक जगत में तहलका मचाने वाले इन दोनों डायर वुल्फ का नाम पप्स रोमुलस और रेमस हैं। ये सिर्फ 6 महीने के हैं। इसके बावजूद इनकी लंबाइई 4 फीट हैं। वहीं इनका वजन 36 किलोग्राम है। एक रिपोर्ट अनुसार कोलोसल बायोसाइंसेस ने डायर वुल्फ को जिंदा करने के लिए कई प्रक्रियाओं का पालन किया है। इमनें प्राचीन डीएनए, क्लोनिंग और जीन एडिटिंग का इस्तेमाल किया है। बता दें कि डायर वुल्फ सामान्य ग्रे वुल्फ का ही विलुप्त पूर्वज है। ये आकार में इससे कहीं ज्यादा विशाल और खूंखार होता था। वैज्ञानिकों ने ग्रे वुल्फ के डीएनए के साथ प्राचीन डायर वुल्फ के दांत और खोपड़ी से मिले 13,000 और 72,000 साल पुराने डीएनए को मिलाकर ये क्लोन तैयार किया है। इसे गेम चेंजर बताया जा रहा है। कोलोसल बायोसाइंसेज के को-फाउंडर और हार्वर्ड के प्रोफेसर जॉर्ज चर्च ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह गेम-चेंजर है। हमने ब्लड से सेल निकाले, उन्हें एकत्रित किया। इन खतरनाक भेड़ियों के बारे में कहा जाता है कि ये इंसानों से दूर रहना चाहते हैं। इंसानों को देखकर ये खतरनाक हो जाते हैं। यही वजह है कि वैज्ञानिक भी खतरे को भांपते हुए इनके पास नहीं जाना चाहते हैं। इन्हें बेहद सुरक्षा में गुप्त लोकेशन पर 2,000 एकड़ क्षेत्र में रखा गया है। जहां 10 फीट ऊंची फेंसिंग, सुरक्षा गार्ड, ड्रोन और लाइव कैमरों से निगरानी की जा रही है। बता दें कि डायर वुल्फ को एचबीओ सीरीज गेम आफ थ्रोन्स ने बेहद पॉपुलर बना दिया था। इस प्रजाति को जीवित करने के बाद वैज्ञानिकों में आशा की नई उम्मीद जगी है।शोधकतार्ओं का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसी ही खूंखार प्रजाति को जीवित करने की प्रक्रिया पर काम किया जा सकता है। इनमें वूली मैमथ, डोडो और तस्मानियन टाइगर जैसे विलुप्त प्रजातियां शामिल हैं।
Rajneesh kumar tiwari