नई दिल्ली। हमारा अंतरिक्ष अनगिनत रहस्यों और विस्मयकारी घटनाओं से भरा है। विशाल तारामंडल, अज्ञात ग्रह और रहस्यमयी ब्लैक होल जैसे अनेक तत्वों का भंडार यह ब्रह्मांड अपने भीतर समेटे हुए है। वैज्ञानिकों ने अब ऐसे ही एक रहस्यमयी ब्लैक होल की खोज की है जो आसपास की चीजों को तेजी से निगलता जा रहा है। वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा के केंद्र में सबसे तेजी से पदार्थाें को निगलने वाले ब्लैक होल की खोज की है। इस सुपरमैसिव ब्लैक होल का नाम एलआईडी-568 है। यह ब्लैक होल सैद्धांतिक सीमा से 40 गुना अधिक तेजी से अपने आसपास के पदार्थों को निगलता जा रहा है। ब्रह्मांड में अपनी तरह का यह पहला मामला है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस नई खोज से वैज्ञानिकों को प्रारंभिक ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद मिल सकती है। ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ जर्नल में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह ब्लैक होल दिखाता है कि सैद्धांतिक सीमा से परे भी, ब्रह्मांड में फास्ट-फीडिंग तंत्र मौजूद हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, सैद्धांतिक सीमा, ब्लैक होल की फीडिंग प्रक्रिया का एक स्वाभाविक परिणाम है। जब कोई ब्लैक होल भारी मात्रा में सामग्री एकत्रित करता है, तो वह सामग्री सीधे गुरुत्वाकर्षण कुएं में नहीं जाती, बल्कि वह पहले घूमती है। सिर्फ डिस्क के अंदरूनी किनारे पर मौजूद सामग्री ब्लैक होल में जाती है। इसके बाद घर्षण और गुरुत्वाकर्षण की अविश्वसनीय मात्रा ब्लैकहोल के अंदर इस पदार्थ की डिस्क को उच्च तापमान तक गर्म कर देती है, जिससे यह तीव्र प्रकाश से धधकने लगती है। फिर एक निश्चित बिंदु पर, विकिरण का बाहरी दबाव ब्लैक होल के आंतरिक गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से मेल खाता है। जिससे पदार्थ को करीब आने से रोका जा सकता है। इसी को सैद्धांतिक या एडिंगटन सीमा कहा जाता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि सैद्धांतिक सीमा के दौरान ब्लैक होल पूरी तरह से गतिमान हो जाता है। विकिरण दबाव के हावी होने से पहले जितना संभव हो वह उतना द्रव्यमान सोख लेता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक तरीका है जिससे समय की शुरूआत में सुपरमैसिव ब्लैक होल ऐसे द्रव्यमान प्राप्त कर सकते हैं जो हमारी समझ से मेल नहीं खाते हैं। शोध में उन्हें इस बात के सबूत मिले हैं कि पहले सुपरमैसिव ब्लैक होल ढहते हुए तारों से नहीं बने थे, बल्कि विशाल तारों और गैस के विशाल गुच्छों से बने थे, जो सीधे गुरुत्वाकर्षण के तहत ढह गए थे। यह नई खोज ब्लैक होल के रहस्यों से पर्दा उठा सकती है।
Arun kumar baranwal