नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने सौर मंडल से बाहर एक ऐसा भयानक ग्रह खोजने का दावा किया है जो किसी भस्मासुर से कम नहीं है। यह ग्रह पृथ्वी से करीब 640 प्रकाश वर्ष दूर है। इस ग्रह का तापमान इतना ज्यादा है कि यहां पहुंचने वाली कोई भी चीज क्षण भर में जलकर राख हो जाएगी। यूर्निवर्सिटी ऑफ जेनेवा के वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के बाहर एक ग्रह की खोज की है। जिसका नाम ‘डब्ल्यूएएसपी-76बी’ रखा गया है। यह ग्रह इतना खतरनाक है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। यहां का मौसम बहुत ज्यादा खराब है। ग्रह पर तेज गति से चलती हवा बहुत डरावनी लगती है। यहां की हवा में लोहे के सूक्ष्म कणों की मात्रा बहुत अधिक है। इस ग्रह पर दिन का तापमान 2000 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहता है। यानी जिसने वहां पैर रखा पलभर में राख हो जाएगा। वैज्ञानिक इस बात को लेकर हैरान हैं कि ये ग्रह चांद की तरह ही अपने तारे से जुड़ा हुआ है। जिसकी वजह से इसके चारों तरफ तेज हवाएं चलती रहती हैं। हवा में मौजूद लोहे के कण लगातार वायुमंडल में ऊपर-नीचे होते रहते हैं। यहां लोहे के कणों की मौजूद परतें ज्यादा तापमान की वजह से दिन में पिघल-पिघल कर ग्रह की सतह पर गिरती रहती हैं। यह एक बाहरी ग्रह है, बाहरी इसलिए क्योंकि ये हमारे सौर मंडल में नहीं है। बता दें कि वैज्ञानिकों ने 1990 से लेकर अभी तक 05 हजार से ज्यादा बाहरी ग्रहों की खोज की है। इनमें से तो कई बृहस्पति और शनि जितने बड़े हैं। जबकि, कुछ चट्टानी तो कुछ ग्रह पृथ्वी जैसे भी हैं। लेकिन, इन ग्रहों पर जीवन संभव है या नहीं, वैज्ञानिक इसका पता नहीं लगा पाए हैं। ‘डब्ल्यूएएसपी-76बी’ ग्रह की खोज साल 2013 में हुई थी। तब से इस पर लगातार शोध हो रहा है। पाइसेज नक्षत्र की ओर मौजूद यह ग्रह एक अल्ट्रा-हॉट गैस प्लैनेट है। वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि इस ग्रह की कक्षा अपने मेजबान तारे के बहुत करीब है। यह अपने तारे का एक चक्कर सिर्फ 1.8 दिन में पूरा कर लेता है। इस ग्रह का एक हिस्सा हमेशा रोशनी में रहता है, जबकि दूसरा हिस्सा अंधेरे में रहता है। इसी कारण दिन में ग्रह का तापमान 2000 डिग्री सेल्सियस हो जाता है। जब पारा बढ़ता है तो लोहे के कण हवा में तैरने लगते हैं। लेकिन रात में ठंड होने पर लोहे के कण जमीन पर बैठ जाते हैं। हाल ही में जेनेवा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की इस खोज को एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
Arun kumar baranwal