नई दिल्ली। जब भी कोई विशाल एस्टेरॉइड पृथ्वी से टकराता है, तो इससे बड़े पैमाने पर तबाही की संभावना बनी रहती है। टक्कर की तीव्रता के कारण वातावरण में आग और धूल के गुबार फैल सकते हैं, जिससे तापमान में तेजी से वृद्धि हो सकती है। अब ऐसे ही एक विशालकाय एस्टेरॉइड को लेकर नासा ने चेतावनी जारी की है। आज यानी 28 अक्तूबर को एक विशालकाय एस्टेरॉयड धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉयड का नाम 2020 डब्ल्यूजी रखा है। यह एस्टेरॉयड करीब 500 फुट का है। इसके धरती से टकराने पर जंगलों में आग, भूस्खलन और सुनामी जैसी आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं। पृथ्वी की जलवायु बदलने से जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर खतरा आ सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस खगोलीय पिंड से फिलहाल कोई खतरा नहीं है, लेकिन इस पर पैनी नजर रखी जा रही है। नासा ने वैज्ञानिकों के अनुसार, तेजी से धरती की ओर आ रहा विशालकाय एस्टेरॉयड ताजमहल से 5 गुना बड़ा है। यह एस्टेरॉयड 33 हजार 947 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में सफर कर रहा है। जिसका आज धरती से 33 लाख किलोमीटर की दूरी पर पहुंचने की संभावना है। अपने आकार और कक्षा के चलते यह एस्टेरॉयड खतरनाक क्षुद्रग्रहों की श्रेणी में आता है, लेकिन पृथ्वी से अधिक दूरी होने के चलते इससे कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है। नासा के अनुसार, विशाल आकार के क्षुद्रग्रह के आकार के एस्टेरॉयड की अगर पृथ्वी से टक्कर होती है तो यह विनाशकारी होगा। इससे लाखों टन टीएनटी के बराबर विस्फोटक ऊर्जा निकलेगी। जिससे फसलें नष्ट हो सकती हैं और भोजन संकट उत्पन्न हो सकता है। यही वजह है कि तत्काल खतरा न होने के बावजूद नासा के वैज्ञानिकों की टीम इसके हर मूवमेंट पर पैनी नजर बनाए हुए है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, इसके पहले बीते 26 अक्तूबर को भी 110 फीट बड़ा हवाई जहाज के आकार का एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजरा था। यह पृथ्वी से निकटतम बिंदु से 11 हजार 764 किलोमीटर की दूरी पर था। संभावित रूप से खतरनाक श्रेणी में होने के बावजूद नासा ने इसके चंद्रमा की कक्षा से आगे से गुजरने की उम्मीद जताई थी। हालांकि, इस एस्टेरॉयड ने कोई क्षति नहीं पहुंचाई थी। बता दें कि नासा लगातार ग्रहीय सुरक्षा रणनीतियों को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। धरती अंतरिक्ष के किसी भी संभावित खतरों से सुरक्षित रहे, नासा के वैज्ञानिकों का इसको लेकर प्रयास जारी है।
Arun kumar baranwal