जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत का एक पड़ोसी देश दो हिस्सों में बंटने वाला है। अगर इस देश में चल रहा संघर्ष लगातार ऐसे फैलता रहा तो इसके दो टुकडे होने में देर नहीं लगेगी। विद्रोही संगठनों की सेनाओं ने इस देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। दुनिया इन दिनों कई संघर्षों से जूझ रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध थमा ही नहीं था कि इजरायल और हमास में युद्ध शुरू हो गया। दोनों ही युद्धों के जल्द खत्म होेने के आसार नहीं हैं। इसी बीच भारत के खास पड़ोसी देश म्यांमार में चल रहा संघर्ष लगातार फैल रहा है। हालात ये हो गए हैं कि म्यांमार के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। बता दें कि म्यांमार की सेना ने 2021 में जनता द्वारा चुनी गई सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके खिलाफ कई विद्रोही संगठनों ने सशस्त्र विद्रोह कर दिया। म्यांमार में जारी संघर्ष को अब तीन साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। जैसे जैसे समय बीत रहा है विद्रोही संगठन, सेना पर भारी पड़ते जा रहे हैं। म्यांमार के विद्रोही संगठनों ने बीते साल अक्तूबर में आपरेशन 1027 के तहत म्यांमार की सेना पर दूसरे चरण का हमला शुरू किया था। पहले चरण के संघर्ष में विद्रोही संगठनों ने रणनीतिक रूप से शान राज्य की पूर्वी सीमा पर कब्जा किया। यह इलाका चीन की सीमा से लगता है। विद्रोही संगठनों तांग नेशनल लिब्रेशन आर्मी, म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी और मेंडले पीपल्स डिफेंस फोर्स ने बड़ा दावा किया है। इन सेनाओं के अनुसार वे मोगोक पर कब्जा कर चुके हैं। यह इलाका रूबी की खदानों के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही उत्तरी सीमा पर शान राज्य के दो शहरों क्याकुमे और नानघीकियो समेत कई अन्य इलाकों पर भी कब्जा कर लिया है। लाशियो पर भी कब्जे का दावा विद्रोही संगठन कर रहे हैं, लेकिन अभी भी वहां लड़ाई चल रही है। विशेषज्ञों ने आशंका जाहिर की है कि आपरेशन 1027 के तहत विद्रोही संगठन चीन सीमा से लेकर म्यांमार के मध्य तक बड़े हिस्से पर कब्जा स्थापित कर सकते हैं। म्यांमार के ग्रामीण इलाकों पर विद्रोही संगठन काबिज हैं। अब धीरे-धीरे वे शहरी इलाकों में भी कब्जे के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। आशंका है कि अगर विद्रोही संगठन ऐसे ही सफल होते रहे तो म्यांमार दो हिस्सों में टूट सकता है। पड़ोसी देश के लिए चिंता की बात यह है कि विद्रोही संगठनों की सेना शहरी इलाकों में भी मजबूत हो रही है। इस युद्ध की मार म्यांमार की जनता भुगत रही है। म्यांमार में मानवीय राहत के काम करने वाले संगठन ताइ स्टूडेंट यूनियन ने दावा किया है कि शान राज्य में हिंसा के चलते एक लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। जून से जुलाई मध्य तक करीब 141 लोगों की जान गई थी। वहीं 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार म्यांमार में संघर्ष की वजह से 30 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं।
Rajneesh kumar tiwari