जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पेंसिल्वेनिया रैली के दौरान ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले से पूरी दुनिया सकते में है। अमेरिका में बवाल मचा हुआ है। वहीं हमले को लेकर अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एफबीआई ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले से पूरी दुनिया हैरान है। पेंसिल्वेनिया के बटलर में रैली के दौरान उन पर गोलियां चलाई गईं। यह गोलियां उस समय चली जब ट्रंप मंच से बोल रहे थे। इसके बाद ट्रंप ने अपने दाहिने कान पर हाथ रखा और झुक गए। घटना के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस एजेंट ने उन्हें कवर किया। एजेंट्स ने ट्रंप को संभाला और उनको खड़े होने में मदद की। ट्रंप के चेहरे और कान पर खून नजर आया। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप को सीक्रेट सर्विस मंच से उतार कर ले गई। हादसे के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि मुझे कान के पास सनसनी महसूस हुई, जिससे मुझे तुरंत एहसास हुआ कि कुछ गलत है। बहुत ज्यादा खून बह रहा था, तो मुझे तब एहसास हुआ कि क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय है कि हमारे देश में इस तरह की हरकतें हो सकती हैं। वहीं गोलीबारी की घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना को लेकर अब अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ने बड़ा दावा किया। एफबीआई का कहना है कि यह हमला ट्रंप की हत्या करने के प्रयास से किया गया था। बटलर क्षेत्र एक्टिव क्राइम प्लेस बन चुका है। एफबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि उस व्यक्ति की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसने ऐसा किया। यह भी पता चलगाया जा रहा है कि ऐसा उसने क्यों किया। इसके पीछे क्या उद्देश्य था। हमने जनता से भी आग्रह किया है कि अगर उनके पास कोई जानकारी है तो वो साझा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, एफबीआई ने देश भर से जांच एजेंटों, साक्ष्य प्रतिक्रिया टीमों और अन्य कर्मियों को तैनात किया है। ट्रंप पर जिस बंदूक से हमला किया गया उसकी पहचान हो गई है। यह बंदूक बेहद खतरनाक है। एक गोली की फोटो न्यूयॉर्क टाइम्स के फोटोग्राफर ने कैप्चर भी कर ली। इस राइफल का इस्तेमाल अमेरिका में बहुत होता है। सीक्रेट सर्विस के मुताबिक हमला एआर-15 स्टाइल राइफल से किया गया। यह एक सेमी-आॅटोमैटिक राइफल है। गोली चलाने वाला ट्रंप के स्टेज से करीब 120 मीटर दूर एक वेयरहाउस की छत पर था। बताया जा रहा है कि शूटर पेंसिलवेनिया का एक नौजवान है। जिसे सीक्रेट सर्विस ने मौके पर ही दौड़ा कर मार दिया। यह राइफल कोल्ड एआर-15 की डिजाइन से मिलती जुलती है। इसका इस्तेमाल कुछ देशों की सेनाएं भी करती हैं। यह अमेरिकी मिलिट्री राइफल एम 16 से भी मिलती है। बता दें कि एआर का मतलब है आर्मा लाइट। इस राइफल का सबसे पहला और पुराना वर्जन 1956 में बना था। तब से इसे बनाया जा रहा है। इसके दर्जनों वैरिएंट्स अमेरिका में मौजूद हैं। इनकी अलग-अलग कीमत है। इसकी बैरल 16 इंच से कम है। इसमें शोल्डर सपोर्ट नहीं है किन लंबी दूरी की शूटिंग के लिए इसमें कुछ कंपनियां शोल्डर सपोर्ट भी देती हैं। इसमें किसी भी तरह की गोली लगाकर दागी जा सकती है। अमेरिका के सभी प्रांतों में इस बंदूक को नहीं रखा जा सकता है। न्यूयॉर्क सिटी में यह प्रतिबंधित बंदूक है। कोल्ट कंपनी ने 1963 में इस बंदूक का सिविलियन वर्जन पेश किया था। यह तीन तरह के मोड में फायरिंग करती है। सेमी-आॅटोमैटिक फायर यानी जब चाहो तब फायर करो, वह भी बिना बार-बार लोड किए। आॅटोमैटिक मोड यानी एक बार लोड किया और एक बार ट्रिगर दबाया तो पूरी मैगजीन खाली हो जाएगी।
Rajneesh kumar tiwari