नई दिल्ली। पुरातत्वविदों ने ताजिकिस्तान में हजारों साल पुरानी बस्ती की खोज की है। खुदाई में उन्हें हड्डियां और पत्थरों की कलाकृतियां समेत कई रहस्यमयी चीजें मिली हैं। पुरातत्वविदों को उम्मीद है कि आगे की खुदाई में मानव जीव विज्ञान के बारे में कई अहम सुराग मिल सकते हैं। पुरातत्वविदों की टीम ने ताजिकिस्तान की जेरवशान घाटी में एक लाख, 50 हजार साल पुराना शहर खोजने का दावा किया है। जो इस क्षेत्र में शुरूआती इंसानी बस्तियों और उनके रहन-सहन के बारे में नई जानकारी देता है। खुदाई के दौरान उन्हें बड़ी मात्रा में पत्थर के औजार, जानवरों की हड्डियां और प्राचीन वनस्पतियों की एक बहुत बड़ी श्रृंखला मिली है। ये सभी चीजें 20 हजार से 1 लाख 50 हजार साल पहले की बताई जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जेरवशान घाटी की इस खुदाई में यरूशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय और ताजिकिस्तान के विज्ञान अकादमी के पुरातत्वविदों की टीम शामिल हुई। खोज में मिले इस पुरातात्विक स्थल में उन्हें प्रारंभिक मनुष्यों के प्रवास और विकास के बारे में महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। शोध में शामिल प्रोफेसर योसी जैडनर के अनुसार, जेरवशान घाटी मुख्य रूप से मध्य युग में सिल्क रोड मार्ग के रूप में जानी जाती थी। जो करीब 150 हजार साल पहले तक मानव विस्तार के रास्ते के रूप में काम करती थी। शोधकर्ताओं की टीम ने माना कि इस क्षेत्र में होमो सेपियन्स, निएंडरथल, डेनिसोवन्स जैसी मानव प्रजातियां अस्तित्व में रही होंगी। शोध का उद्देश्य यह पता लगाना है कि इन हिस्सों में रहने वाले मानव कौन थे और कैसे रहते थे। टीम ने जेरवशान घाटी में तीन क्षेत्रों की खुदाई की, जिसमें मिले अवशेष प्राचीन जलवायु और पर्यावरण के बारे में अहम जानकारी देते हैं। साथ ही मानव अवशेष इस क्षेत्र में कौन सी मानव प्रजाति निवास करती थी, उसकी खोज की क्षमता भी प्रदान करते हैं। पुरातत्वविदों का दावा है कि इस खोज से प्राचीन मानव समूहों ने एक-दूसरे के साथ कैसे बातचीत की होगी, यह समझने में मदद मिलेगी। रिसर्च टीम का कहना है कि इस इलाके में खुदाई आने वाले वर्षोें में भी जारी रहेगी। इससे गहरी परतों का पता लगाने और गहन विश्लेषण करने में मदद मिलेगी। साथ ही इस शोध से मध्य एशिया में मानव विकास के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने की उम्मीद है, ऐसे में आने वाले समय में इस पर लगातार शोध चलता रहेगा।
Arun kumar baranwal