May 28, 2024
नई दिल्ली। ताइवान जैसा छोटे देश ने चीन के होश पाख्ता करने की ऐसी रणनीति बनाई है जिसको जानकर हर कोई हैरान रह जाएगा। एक ओर जहां चीन ने आर्टिलरी और मिसाइल यूनिट्स को ताइवान की तरफ घुमाते हुए साफ कह दिया है कि वह ताइवान पर कब्जा जरूर करेगा। वहीं ताइवान के समर्थन में अमेरिका और जापान खड़े हो गए हैं। चीन की सेना भले ही बहुत बड़ी है लेकिन ताइवान के पास ऐसी रणनीति है कि चीन को मुंह की खानी पड़ेगी। ताइवान ने हमलों से बचने के लिए पहाड़ों और जमीन के अंदर एयर बेस बना रखे हैं। ये एयरबेस किसी बड़ी गुफा की तरह हैं। इनके अंदर ताइवान के खतरनाक फाइटर जेट्स और मिसाइलें रखी हैं। इन गुफाओं के जरिए ताइवान के कई एयरबेस आपस में जुड़ जाते हैं। यानी एक एयरबेस से दूसरे तक फाइटर जेट को आसानी से पहुंचाया जा सकता है। ताइवान ने इन सुरंगों के अंदर एफ-16 फाइटर जेट्स, हार्पून मिसाइलें और साइडविंडर मिसाइलों समेत कई अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा रखा है। इन मजबूत बंकरों के अंदर ताइवानी फाइटर जेट्स सुरक्षित रहते हैं। यहीं पर फाइटर जेट्स की मरम्मत भी होती है। इन गुफाओं के भीतर ही इनमें बम, रॉकेट और मिसाइल लगाए जाते हैं। ताइवानी फाइटर जेट्स यहां से निकल कर उड़ान भरते हैं। वापस फिर इसी में चले जाते हैं। बता दें कि ताइवानी एयर फोर्स को रिपब्लिक आॅफ चाइना एयर फोर्स भी कहते हैं। ताइवानी एयरफोर्स ने कुछ महीने पहले इन सीक्रेट सुरंगों को फोटो दुनिया के सामने पेश की थीं। गुफाओं में रखी मिसाइलों पर लगी पट्टियां ये बताती हैं कि ये मिसाइलें एक्शन के लिए एकदम तैयार। यानी इनके अंदर हथियार लोडेड हैं। ये तस्वीर जहां ली गई हैं, वह हुआलियेन नाम के प्रांत के चियाशान एयर फोर्स बेस के पास स्थित पहाड़ के नीचे की हैं। ये अंडरग्राउंड हैंगर इसी पहाड़ के नीचे बनाए गए हैं। बता दें कि ताइवानी सेना अपनी सीक्रेट बरकरार रखने के लिए जानी जाती है। उसके हथियार, विमान आदि के लोकेशन का पता नहीं चल पाता है। तस्वीरें साझा करने का मकसद यही है कि चीन के हमले का करारा जवाब देने की तैयारी पूरी है। ताइवान में घुसपैठ करने के लिए चीन ने सिविलियन फेरीज यानी सार्वजनिक इस्तेमाल में आने वाली नावों, बोट्स को अपने काम में लेना शुरू कर दिया है। इनके जरिए चीनी सेना के बख्तरबंद वाहनों को ढोया जा रहा है। बता दें कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के पास एंफिबियस लैंडिंग क्राफ्ट की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए सिविलियन नावों और बोट्स को कब्जे में लिया जा रहा है। दो साल का अंदर चीन ने तीसरी बार ताइवान को घेर कर मिलिट्री ड्रिल शुरू की है। इस बारे में दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञों और अमेरिकी इंटेलिजेंस ने चिंता जाहिर की। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को आदेश दे रखा है कि 2027 तक ताइवान को अपने कब्जे में ले लेना है। ऐसा ही दावा चीन का रक्षा मंत्रालय ने भी किया है। वहीं दूसरी ओर ताइवान के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से चीन के विमान स्पष्ट तौर पर दिख जाएंगे। इससे ताइवान इन्हें आसानी से निशाना बना सकता है। चीन अपनी आर्टिलरी को ताइवान की दिशा में तैनात कर राह है। इसके अलावा चीनी वायुसेना के बमवर्षकों को उड़ान भरते देखा गया। चीन के मिलिट्री ड्रिल के बीच अमेरिका के हाउस आॅफ फॉरेन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन माइकल मैक्कॉल ताइवान पहुंचे हैं। अमेरिकी सांसद ने कहा कि इस समय हमें ताइवान के साथ अपने रिश्ते और मजबूत करने हैं। हम उनके साथ हर तरह से खड़े हैं। वहीं जापान की सरकार ने कहा है कि वो ताइवान के साथ मजबूती से खड़ा है।
Rajneesh kumar tiwari