नई दिल्ली। सबसे सुरक्षित माना जा रहा टाइटैनिक जहाज 1912 में समुद्र में डूब गया था। हादसे को हुए सौ साल से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन जहाज से जुड़े कई रहस्य आज भी बरकरार हैं। अब वैज्ञानिकों ने जो खुलासा किया है उससे टाइटैनिक जहाज में दिलचस्पी रखने वालों को बड़ा झटका लगा है। दुनिया का सबसे बड़ा, वाष्प आधारित यात्री जहाज टाइटैनिक, इंग्लैंड के साउथहैंप्टन से 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ था। जो चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को एक हिमखंड से टकराकर समंदर में डूब गया था। 112 साल बीत जाने के बाद टाइटैनिक का मलबा तेजी से खत्म हो रहा है। टाइटैनिक के मलबे की नई तस्वीरों में जहाज को समुद्र तल पर कम होते दिखाया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जहाज की धातु संरचना को बैक्टीरिया खा रहे हैं, जिससे यह अगले छह साल में पूरी तरह से गायब हो सकता है। मलबे पर जानकारी जुटाने वाली विशेषज्ञों की टीम ने जांच में पाया कि जहाज के टुकड़े-टुकड़े हो रहे हैं और इसका बड़ा हिस्सा सड़कर समुद्र तल पर बिखर गया है। विशेषज्ञों ने टाइटैनिक को खा रहे बैक्टीरिया का नाम ‘हेलोमोनस टाइटेनिका’ रखा है। आरएमएस टाइटैनिक इंक के अनुसार, भूखे सूक्ष्मजीवों के कारण जहाज के सामने की रेलिंग का एक बड़ा हिस्सा समुद्र तल पर पड़ा है। पिछले दो वर्षों में करीब 15 फीट की रेलिंग टूटकर गिर गई थी। बता दें कि जहाज के बचाव का अधिकार आरएमएस टाइटैनिक इंक के पास है। जांच विशेषज्ञों के अनुसार, जहाज का अंदरूनी हिस्सा तेजी से इसलिए सड़ रहा है क्योंकि पनडुब्बियों के लिए सुलभ मार्ग अब ढह गए हैं। कैप्टन एडवर्ड स्मिथ के क्वार्टर से बाथटब की ली गई तस्वीरें 1996 में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। लेकिन 2004 में उसी बाथटब की ली गई फोटो दिखाती हैं कि बैक्टीरिया ने कितनी तेजी से अंदरूनी हिस्से को खत्म किया। यहां तक कि अब वह कमरा भी मौजूद नहीं है। अंदरूनी हिस्सा का मलबा तेजी से नष्ट हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जहाज का मलबा 107 साल से तेज धाराओं और समुद्री पानी में डूबा हुआ है। 1985 में टाइटैनिक के मलबे की खोज के बाद से लगातार इस बात की मांग की जाती रही है कि जहाज के अवशेषों को सतह पर लाया जाए। हालांकि, विशेषज्ञों का दावा है कि जहाज को इस स्थिति में ऊपर उठाना असंभव है। अगर जहाज से छेड़छाड़ की गई, तो इसका बचा हुआ हिस्सा भी बिखरकर खत्म हो जाएगा। अभी तक आरएमएस टाइटैनिक इंक ने मलबे से 5,500 चीजें निकाली हैं। इनमें आभूषण, खिलौने, बर्तन और जहाज के उपकरण शामिल हैं।
Arun kumar baranwal