September 4, 2024
नई दिल्ली। खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए सितंबर बेहद खास है। इस माह आसमान में एक ऐसी दुर्लभ खगोलीय घटना हो रही है, जिसमें हमारे सितारे एक साथ परेड करते दिखाई देंगे। अगर भारत में ग्रहोें की इस दुर्लभ परेड का दीदार करना है तो इसके लिए आपको सुबह जल्दी बिस्तर छोड़ना होगा। हमारा अंतरिक्ष एक बेहद दुर्लभ खगोलीय घटना के लिए तैयार है। खगोलविदों के मुताबिक, रात के समय आसमान में ग्रहों की एक परेड दिखाई देगी। इस रोमांचकारी घटना में छह ग्रह परेड करते हुए एक लाइन में आ जाएंगे। इन ग्रहों में बुध, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून शामिल हैं। खगोलविदों का कहना है कि इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए आपको सुबह जल्दी उठना होगा। यह घटना हमें सितंबर के शुरुआती दो सप्ताह के दौरान दिखाई देगी। खगोलविदों के अनुसार, इस नजारे को स्पष्ट रूप से देखने के लिए दूरबीन का प्रयोग किया जाए तो और भी अच्छा रहेगा। भारतीय समय के मुताबिक सूर्योदय से लगभग 30 मिनट पहले आकाश में पूर्व से पश्चिम तक ये ग्रह फैले हुए दिखाई देंगे। यूरेनस और नेपच्यून नग्न आंखों से देखने के लिहाज से बहुत धुंधले हैं। ऐसे में इन्हें देखने के लिए टेलीस्कोप की जरूरत होगी। ये दोनों चमकीले ग्रहों के करीब होंगे, जिससे उन्हें खोजना आसान होगा। खगोलविदों का कहना है कि बृहस्पति और यूरेनस को खोजना महत्वूर्ण होगा, क्योंकि दोनों दक्षिणी आकाश के अगल-बगल होंगे। इस बीच नेपच्यून शनि के ऊपर और बाईं ओर दिखाई देगा। सफेद सितारों के बीच वह नीले रंग का दिखाई देगा। हालांकि, बुध इतना चमकदार है कि उसे बिना दूरबीन के भी देखा जा सकता है। लेकिन, यह पूर्वी आकाश में नीचे होगा और सूर्योदय से पहले सुबह की रोशनी तेज होने के कारण इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल होगा। सितंबर में ग्रहों की परेड के अलावा चंद्र ग्रहण भी लगेगा। जो 18 सितंबर को दुनिया भर में आंशिक रूप से दिखाई देगा। वहीं, भारत के कुछ हिस्से में भी इसका आंशिक दीदार किया जा सकेगा। यह उत्तरी अमेरिका और पूरे दक्षिण अमेरिका में मध्य रात्रि के समय पूर्ण रूप से दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया के केंद्र के करीब से गुजरेगा, लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ेगा। इस कारण यह कटा दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा के व्यास का 12वां हिस्सा ही छाया के भीतर रहेगा।
Arun kumar baranwal