नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने समंदर के नीचे सदियों पुरानी एक सड़क का पता लगाया है। गोताखोरों की टीम के साथ जब वे समंदर में सैकड़ों फीट नीचे पहुंचे तो चौंक गए। पत्थरों से बनी यह सड़क प्राचीन सभ्यताओं के अस्तित्व की ओर इशारा कर रही है। माना जा रहा है कि इस सड़क से समंदर के कई रहस्य दुनिया के सामने आ सकते हैं। समंदर की लहरों के नीचे छिपे रहस्य एक बार फिर इंसानी जिज्ञासा को चौंकाने वाले मोड़ पर ले आए हैं। क्रोएशिया के दक्षिणी तट से दूर भूमध्य सागर में गहरे पानी में 7,000 साल पुरानी एक सड़क मिली है। अध्ययन के बाद जदर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि यह प्राचीन सड़क एक द्वीप बस्ती को कोरकुला द्वीप से जोड़ती थी। वैज्ञानिकों का दावा है कि 4,900 ईसा यह क्षेत्र शिकारी और संग्रहकर्ताओं का घर हुआ करता था। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस खोज से नियोलिथिक मानव सभ्यता के बारे में जानने में मदद मिलेगी। अब ये पता लगाया जा सकेगा कि प्रागैतिहासिक काल में किस रास्ते से परिवहन होता था। दरअसल, वैज्ञानिकों की टीम कोरकुला के पास समुद्र तट की उपग्रह इमेजरी की जांच कर रही थी, इस दौरान उन्हें पानी के नीचे डूबी हुई पत्थर की सड़क दिखाई दी। उपग्रह से मिली तस्वीरों से सड़क का पता चलने के बाद उन्होंने ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए समंदर में गोता लगाया। वैज्ञानिकों की टीम जब गोताखोरों के साथ समंदर की गहराई में पहुंची तो उन्हें वहां लगभग 4 मीटर चौड़ा रास्ता दिखाई दिया। करीब से देखने पर वैज्ञानिकों को पता चला कि पत्थरों को जोड़कर बनाई गई यह सड़क समुद्र का स्तर बढ़ने के कारण सतह से 4 से 5 मीटर पानी के नीचे चली गई है। शोध के बाद उन्होंने अनुमान लगाया कि इस सड़क ने एक द्वीप पर मौजूद नियोलिथिक बस्ती को मुख्य भूमि से जोड़ा था। उनका दावा है कि इतिहास में दर्ज सभ्यताएं जितनी हम सोचते हैं, उससे कहीं ज्यादा उन्नत रही हो सकती हैं। वैज्ञानिकों को पहले शक था कि पत्थर की पट्टियों की बनी यह असामान्य व्यवस्था शायद प्रकृति की देन है। लेकिन, जांच के बाद जो सामने आया उससे वैज्ञानिकों की टीम चौंक गई। अध्ययन में उन्हें सड़क के आसपास पत्थर के औजार और अन्य कलाकृतियां भी मिलीं। जिससे यह बात साफ हो गई कि इस सड़क का निर्माण इंसानों ने किया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज के बाद प्राचीन इंसानों के बारे में और भी ज्यादा जानकारी मिलने की उम्मीद है। फिलहाल, इस सड़क का अभी और गहनता से अध्ययन किया जा रहा है।
Arun kumar baranwal