October 28, 2024
जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में 28 अक्टूबर 2024 का दिन इतिहास बन चुका है। भारत और स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज ने वड़ोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब सेना के लिए कोई निजी कंपनी भारत में पूरा का पूरा सैन्य एयरक्राफ्ट बनाएगी। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि यह खास भारत के लिए इतना जरुरी क्यों है। गुजरात के वड़ोदरा में पीएम मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस कॉम्प्लेक्स में सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनेंगे। स्पेन और भारत के बीच 56 विमान बनाने का समझौता हुआ है। पहले 16 विमान स्पेन में बनेंगे। बाकी के 40 को टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड बनाएगी। देश में पहली बार ऐसा होगा जब एक निजी कंपनी सेना के लिए पूर्ण स्वदेशी प्लेन बनाएगी। बता दें कि भारतीय वायुसेना के लिए ट्रांसपोर्ट विमान बेहद जरूरी हैं। इससे सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को एक जगह से दूसरी जगह पहुचाया जा सकेगा। इसमें सी-295 कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में मदद करेगा। सी-295 विमान को दो लोग उड़ाते हैं। इसमें 73 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स या 12 स्ट्रेचर इंटेसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मेडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं। यह एक बार में अधिकतम 9250 किलोग्राम वजन उठा सकता है। इसकी लंबाई 80 फीट, विंगस्पैन 84 फीट और ऊंचाई 28 फीट है। इस एयरक्राफ्ट में 7650 लीटर फ्यूल आता है। यह अधिकतम 482 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसकी रेंज 1277 से 4587 किलोमीटर है। यह अधिकतम 13,533 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। सी-295 उड़ान भरने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे चाहिए होता है। उतरने के लिए मात्र 420 मीटर का रनवे चाहिए होता है। इसमें छह हार्डप्वाइंट्स होते हैं। यानी इसमें हथियार और बचाव प्रणाली दोनों को लगाने की जगह होती है। दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन और इनबोर्ड पाइलॉन्स होते हैं। जिसमें 800 किलोग्राम के हथियार लगाए जा सकते हैं। बता दें कि टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू कर दिया है। हैदराबाद फिलहाल इसकी मेन कॉन्स्टीट्यूंट एसेंबली है। वहां पर कई पार्ट्स को सेट किया जाएगा। टाटा की हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों का निर्माण करेगी। इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा। वडोदरा में सभी सी-295 विमान को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद इंजन लगेगा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेट किए जाएंगे। विमान तैयार होने के बाद वायुसेना को दिया जाएगा। बता दें कि 32वें नंबर का विमान स्वदेशी होगा। फिलहाल इस विमान का इस्तेमाल 2 दर्जन से ज्यादा देश कर रहे हैं। कार्गो के मामले में यह बेहद कामयाब विमान माना जाता है।
Rajneesh kumar tiwari