जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा बेहद अहम रहा। जिस अंदाज में ट्रंप ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया उसने पूरी दुनिया को चौंका दिया। दोनों नेताओं के बीच ऐसी बांडिंग दिखी की चीन और पाकिस्तान को मिर्ची लगना तय है। व्हाइट हाउस में ट्रंप ने पीएम मोदी के लिए कुर्सी खींची। इसके अलावा 26/11 आतंकी हमले के आरोपी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया। राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी अमेरिका का दौरा करने वाले पहले विश्व नेताओं में से एक बन गए हैं। उन्हें नए प्रशासन के कार्यभार संभालने के तीन सप्ताह के भीतर यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया गया था। पीएम मोदी और ट्रंप को व्हाइट हाउस में एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत करते देखा गया। इस दौरान ट्रंप पीएम मोदी से गले मिले और कहा कि हमें आपकी बहुत याद आई। इसके बाद ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख एलन मस्क सहित अन्य अधिकारियों से मिलवाया। पीएम मोदी के आगमन से पहले व्हाइट हाउस में भारतीय झंडे फहराए गए। पीएम मोदी ने व्हाइट हाउस में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिस तरह से ट्रंप अमेरिका को फिर से महान बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उसी तरह भारत ने भी साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य तय किया है। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश अगर मिलकर आगे बढ़ते हैं पूरी दुनिया को नया आकार दे सकते हैं। पीएम मोदी ने नया नारा एमआईजीए दिया। अमेरिका की भाषा में कहे तो ये मेक इंडिया ग्रेट अगेन है। पीएम मोदी ने अमेरिका से निर्वासित किए जा रहे भारतीयों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि भारत अवैध प्रवासियों को वापस लाने के लिए पूरी तरह तैयार है। पीएम मोदी ने इस सवाल का जवाब अपने अमेरिकी दौरे के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने दिए हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि मानव तस्करी को खत्म करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने आगे कहा कि गरीब और साधारण परिवारों के युवाओं को गलत तरीके से विदेश भेजा जाता है। उन्हें बड़े सपने और झूठे वादों के जरिए फंसाया जाता है। पीएम मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा एलान किया। उन्होंने 2008 के मुंबई हमलों के दोषी तहव्वुर राणा को दुनिया के सबसे खतरनाक अपराधियों में से एक बताया। साथ ही भारत को सौंपने की बात कही। आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि अमेरिका भारत को तेल और प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने कानूनों में बदलाव कर रहा है। जिससे अमेरिकी परमाणु टेक्नोलॉजी भारत में आ सके। इसके अलावा, एक ऐतिहासिक व्यापार मार्ग बनाने पर भी सहमति बनी। ट्रंप ने कहा हम एक बहुत महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग बनाने पर सहमत हुए हैं। जो भारत, इजरायल, इटली और अमेरिका को जोड़ेगा। यह सड़क, रेलवे और समुद्र के नीचे केबल्स से जुड़ा होगा और व्यापार को आसान बनाएगा। पीएम मोदी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साल 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति टंप की बात का समर्थन करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका तेल और गैस के व्यापार को बढ़ाएंगे ताकि भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका तेजी से संयुक्त विकास, संयुक्त उत्पादन और तकनीक के स्थानांतरण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की बातचीत के दौरान एक पल ऐसा भी आया जब लोग भौचक्के रह गए। अहम बैठक जब पीएम मोदी व्हाइट हाउस में कुर्सी पर बैठने जा रहे थे, तब ट्रंप ने उनके लिए सम्मानपूर्वक कुर्सी पीछे खींची। इसके अलावा ट्रंप तब तक पीएम मोदी के पीछे खड़े रहे, जब पीएम मोदी ने एक किताब पर अपने अनुभव साझा नहीं कर दिए। बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस बात की सराहना करता हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च रखते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप की तरह मुझे भी भारत के हितों को सर्वोच्च रखते हुए काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। वहीं ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे कहीं ज्यादा कठोर वातार्कार हैं। उनसे कोई मुकाबला ही नहीं है। बातचीत या समझौते को लेकर ट्रंप ने मोदी को खुद से कहीं ज्यादा सख्त और बेतहर बताया।
Rajneesh kumar tiwari