जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा नहीं करती है। यह बेहद चौंकाने वाला खुलासा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने किया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पृथ्वी सूर्य के बजाए उसके पास स्थित खास बिन्दु का चक्कर लगा रही है। रहस्यों से भरे अंतरिक्ष को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सभी को हैरान करने वाला खुलासा किया है। यह खुलासा चौंकाने वाला इसलिए है क्यों कि हम स्कूल और किताबों में पढ़ते आ रहे हैं कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है। इस प्रक्रिया से ही पृथ्वी पर दिन-रात होते हैं। अब नासा के वैज्ञानिकों ने इस तथ्य को खारिज करते हुए नई थ्योरी पेश की है। जिसमें बताया गया है कि अगर सौरमंडल में पृथ्वी की मौजूदा गति को समझने की कोशिश की जाती है तो पाया जाएगा कि धरती इस समय सूर्य की परिक्रमा नहीं कर रही है। यह सूर्य के करीब स्थित खास बिन्दु की परिक्रमा करती है। यहां यहां केप्लर के ग्रहीय गति का तीसरा नियम लागू होता है। केप्लर नियम के अनुसार ब्रह्मांड की हर वस्तु का एक द्रव्यमान केंद्र होता है। यह किसी वस्तु के सभी पदार्थों का सटीक केंद्र है। किसी वस्तु का द्रव्यमान केंद्र वह बिंदु होता है जिस पर उसे संतुलित किया जा सकता है। कभी-कभी द्रव्यमान का केंद्र सीधे किसी वस्तु के केंद्र में होता है और कभी-कभी यह वस्तु के सिरे में होता है। आसान शब्दों में समझे तो आप कोई रूलर लीजिए और उसके बीच में अपनी उंगली को अलग-अलग जगहों पर रखने की कोशिश कीजिए। आपको एक जगह ऐसी मिलेगी जहां से आप पूरे रूलर को सिर्फ एक उंगली के सिरे पर संतुलित कर सकते हैं। यही रूलर का द्रव्यमान केंद्र है। द्रव्यमान केंद्र को गुरुत्वाकर्षण केंद्र भी कहा जाता है। नासा ने बताया कि कभी-कभी द्रव्यमान का केंद्र वस्तु के केंद्र में न होकर7 उसके सिरे में होता है। उदाहरण के लिए हैमर यानी हथौड़े का ज्यादातर द्रव्यमान सिरे पर होता है। इसलिए इसका द्रव्यमान केंद्र उसके भारी सिरे के करीब होता है। सूर्य का द्रव्यमान बहुत ज्यादा है। इसकी तुलना में, पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत कम है। ऐसे में पृथ्वी और सूर्य के केंद्र के बीच भारी द्रव्यमान बन जाता है। इस क्षेत्र को बैरीसेंटर केंद्र कहते हैं। नासा का मानना है कि इसी क्षेत्र यानी बैरीसेंटर बिन्दु के चारों तरफ पृथ्वी घूमती है। यानी पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा नहीं करती है। बता दें कि आमतौर पर सौर मंडल में सूर्य के पास स्थित पिंडों को बैरीसेंटर कहा जाता है। पृथ्वी और सूर्य के बीच बने बैरीसेंटर सूर्य के केंद्र के बहुत करीब है। बैरीसेंटर के बनने की प्रक्रिया पर भी वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है। जिसमें बताया गया है कि हमारे सौरमंडल में सूर्य सबसे बड़ा पिंड है। सूर्य का भार बृहस्पति ग्रह से 1,048 गुना अधिक है। वहीं बृहस्पति पृथ्वी से बहुत बड़ा है। इसका द्रव्यमान पृथ्वी से 318 गुना ज्यादा है। इसलिए, बृहस्पति और सूर्य का बैरीसेंटर सूर्य के केंद्र में नहीं है। यह वास्तव में सूर्य की सतह के ठीक बाहर है। सूर्य के भार और गुरु और शनि जैसे बड़े ग्रहों और कक्षाओं के प्रभाव की वजह से यह बैरीसेंटर कभी सूर्य के अंदर नहीं जा पाता है। यह सूर्य की बाहर वाली कक्षा में रहता है।
Rajneesh kumar tiwari