नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने किया कमाल, मंगल पर की अद्भुत खोज
नई दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर एक अजीबोगरीब पत्थर की खोज की है। धरती पर जब वैज्ञानिकों ने पत्थर की इस तस्वीर को देखा तो वे हैरान रह गए। यह पत्थर अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए है। जिस पर शोध कर मंगल के अनसुलझे रहस्यों को समझने में मदद मिलेगी। नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर एक अजीब चीज का पता लगाया है। यह विचित्र दिखी कुछ और नहीं बल्कि मकड़ी के अंडों के गुच्छे जैसा दिखने वाला एक रहस्यमयी पत्थर है। जो जेजेरो क्रेटर के किनारे पर स्थित विच हेजल हिल की ढलानों पर मिला है। रोवर को ये चट्टान लाल रेत की हल्की धूल से ढकी हुई मिली है। नासा के वैज्ञानिक अब इस पत्थर के रहस्य को सुलझाने में जुट गए हैं। पर्सीवरेंस रोवर की टीम ने इस रहस्यमयी पत्थर का नाम ‘सेंट पॉल्स’ रखा है। यह एक फ्लोट रॉक है यानी जिस जगह पर यह मिला है वहीं पर इसका निर्माण भी हुआ है। हालांकि, वैज्ञानिकों को यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर इसे कैसे बनाया गया था, जिसके चलते इस अजीब ढांचे को समझने वाले सुराग गायब हैं। नासा का मानना है कि यह पत्थर तब बना होगा जब उल्कापिंड से टकराया होगा और चट्टानें भाप बनते हुए छोटे-छोटे दानों में जम गई होंगी। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर यह थ्योरी सच साबित होती है तो इसका मतलब यह होगा कि पत्थर अपनी मौजूदा जगह से काफी दूर से आया होगा। जिसके जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि उल्कापिंड किसी सामान को मंगल पर इधर से उधर ले जा सकता है। वहीं, वैज्ञानिकों की दूसरी थ्योरी यह है कि यह पत्थर हेजल हिल से लुढ़कते हुए नीचे आया होगा। अगर ये बात सच साबित होती है तो इसका संबंध हिल की कुछ गहरी परतों से हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस रहस्यमयी पत्थर का अध्ययन कर मंगल ग्रह पर होने वाले बदलावों का पता लगाया जा सकता है। अगर यह पत्थर हिल की परतों से आया है तो यह ज्वालामुखी से जुड़ी गतिविधियों, कुछ पुराने उल्कापिंड की टक्करों या फिर अतीत में ग्राउंडवॉटर की मौजूदगी का प्रमाण हो सकता है। ‘सेंट पॉल्स’ के विश्लेषण से क्या कभी मंगल ग्रह पर जीवन मौजूद था, इसका पता लगाया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो भविष्य में इंसानों के मंगल ग्रह पर बसने का सपना साकार हो सकता है।
Arun kumar baranwal