नई दिल्ली। मिस्र के पिरामिडों का रहस्य सदियों पुराना है। इसे दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है। पिरामिडों पर आए तमाम दावों के बावजूद इनके बनने को लेकर रहस्य अभी तक पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया है। लेकिन, अब वैज्ञानिकों ने चार हजार साल पुराने इस रहस्य को सुलझाने का दावा किया है। मिस्र के पिरामिडों की भव्य बनावट, विशाल आकार और निर्माण से जुड़े रहस्य आज भी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं। माना जाता है कि ये पिरामिड मिस्र के सम्राट के लिए बनाया गए स्मारक स्थल हैं, जिनमें राजाओं-महाराजाओं के शव रखे गए हैं। हजारों साल पहले बनाए गए ये भव्य पिरामिड आज भी ज्यों के त्यों खड़े हैं। आखिर ये विशाल संरचनाए कैसे बनी होंगी, बड़े पत्थरों को कैसे उठाया गया होगा, यही बात विशेषज्ञों को आज भी हैरान करती है। उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पिरामिडों के इस रहस्य को सुलझाने का दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं की टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि मिस्र के 31 पिरामिड नील नदी के लंबे-चौड़े खंड के साथ बनाए गए होंगे, इनमें गीजा का 450 फीट ऊंचा ग्रेट पिरामिड भी शामिल है। टीम का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर इमान घोनिम के अनुसार, उन्होंने नील नदी के छिपे हुए हिस्से को जानने के लिए आसपास के ऐतिहासिक मानचित्रों की जांच की। जिसमें उन्हें पिरामिड कैसे बनाए गए थे, इसका खुलासा हुआ। शोधकर्ताओं की टीम ने अध्ययन मेें पाया कि प्राचीन मिस्रवासियों ने करीब 4700 वर्ष पहले पिरामिडों का निर्माण किया था। जिसके लिए उन्होंने विशाल पत्थरों को लाने में मदद के लिए नील नदी के निश्चित हिस्से का उपयोग किया था। शोध टीम का दावा है कि पिरामिडों का मूल निर्माण स्थान दबी हुई नदियां और प्राचीन संरचनाएं थीं, जो प्राचीन मिस्र के पिरामिडों के पास तलहटी में पाई गई थीं। खोज इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि लिश्त और गीजा के बीच बनाए गए इतने सारे पिरामिड का निर्माण कठिन परिस्थितियों के बीच हुआ होगा। बता दें कि मिस्र के राजा कूफू के शव के संरक्षण के लिए बनाए गए ‘ग्रेट पिरामिड’ की ऊंचाई करीब 450 फीट है। पिरामिड के नीचे का भाग 13 एकड़ में फैला हुआ है। इस पिरामिड को बनाने में 23 लाख पत्थरों के ब्लॉक्स का इस्तेमाल किया गया था, जिनका वजन करीब पांच अरब 21 करोड़ किलोग्राम है। इसमें कुछ पत्थर दो टन से लेकर 30 टन और कुछ का वजन 45 हजार किलोग्राम है। इसके अलावा, ‘द ग्रेट स्फिंक्स’ पूरे मिस्र की सबसे आश्चर्यजनक मूर्ति है, जिसके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया कि इसे किसके लिए बनाया गया था। यह दुनिया की सबसे बड़ी 73 मीटर लंबी और 20 मीटर ऊंची एकल पत्थर की मूर्ति है।
Arun kumar baranwal