जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों ने सबसे रहस्यमयी जटिल और महत्वपूर्ण खोज की है। मंगल ग्रह पर नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने एक चट्टान को ड्रिल किया। इसमें पहली बार वैज्ञानिकों को प्राचीन जीवन के सबूत मिले हैं। इस चट्टान में कार्बनिक अणु और संरचनाएं मिली हैं, जो जीवन का संकेत हैं। मंगल यानी लाल ग्रह पर नासा के रोवर ने ऐतिहासिक खोज की है। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार रोवर ने हाल ही में एक दिलचस्प चट्टान के नमूनों की खोज की है। इसका नाम चेयावा फाल्स है। जिसमें कार्बनिक अणु और संरचनाएं मिली हैं। इस चट्टान में ऐसे गुण हैं जो प्राचीन जीवन के संभावित संकेतक की परिभाषा के अनुरूप हैं। यह चट्टान एक प्राचीन नदी घाटी में पाई गई है। जिससे पता चलता है कि इस ग्रह पर कभी जीवन रहा होगा। नासा ने बयान में कहा कि चट्टान केमिकल सिग्नेचर और संरचनाओं को प्रदर्शित करती है। यह संभवत: अरबों साल पहले जीवन का संकेत दे रही है। जिस इलाके में सैंपल लिया गया वहां पहले पानी था। नासा की जेट प्रोपल्शन लैब की पर्सिवरेंस डिप्टी प्रोजेक्ट वैज्ञानिक केटी स्टैक मार्गन ने इस बारे में बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह अब तक हमें मिला सबसे आकर्षक नमूना है। बता दें कि वैज्ञानिक उस समय दंग रह गए थे जब क्यूरियोसिटी रोवर की चहलकदमी से एक चट्टान टूट गई। उसमें कुछ ऐसा दिखाई दिया जो लाल ग्रह पर पहले कभी नहीं देखा गया था। यह खोजी गई चट्टान शुद्ध सल्फर से बनी है। जिस पत्थर की खोज की गई है उसकी माप 3.2 फीट गुना 2 फीट है। इसका नाम ग्रांड कैन्यन झरने के नाम पर रखा गया है। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी में मिशन के परियोजना वैज्ञानिक केन फार्ले ने कहा कि चेयावा फाल्स अब तक जांच की गई सबसे रहस्यमय, जटिल और महत्वपूर्ण चट्टान है। उन्होंने कहा कि चट्टान में कार्बनिक पदार्थ की खोज सम्मोहक है। इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि जीवन के लिए आवश्यक पानी चट्टान से होकर गुजरा था। नासा के मार्स रोवर द्वारा खोजी गई इस चट्टान को आगे के एनालिसिस के लिए जमा की गई 21 अन्य चट्टानों में शामिल कर लिया गया है। केन फार्ले ने आगे बताया कि हम यह निर्धारित करने में असमर्थ हैं कि चट्टान कैसे बनी। किस हद तक आस-पास की चट्टानों ने चेयावा फाल्स को गर्म किया। इसके बावजूद यह खोज आशाजनक है कि मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के प्रमाण की पुष्टि करने वाले तत्व मिले हैं। उन्होंने कहा कि अरबों साल पहले जेजेरो क्रेटर में उस मंगल ग्रह की नदी घाटी में वास्तव में क्या हुआ था? इसे पूरी तरह से समझने के लिए चेयावा फाल्स के नमूने को पृथ्वी पर वापस लाकर लैब में एनालिसिस किया जाएगा। वैज्ञानिक चट्टान के नमूने और उसकी संरचनाओं का अध्ययन करना जारी रखेंगे। बता दें कि नासा जल्द मंगल ग्रह से चट्टानी सैंपल लाने वाले मिशन शुरुआत करने वाला है। इस मिशन से मंगल ग्रह के वे राज सामने आएंगे जिनसे दुनिया आज तक अनजान थी। इसके अलावा मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं पर अध्ययन किया जाएगा। वैज्ञानिक इस बात का अध्ययन करेंगे कि यहां मानव जीवन की शुरुआत कैसै की जा सकती है।
Rajneesh kumar tiwari