जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत का एक और पड़ोसी देश कंगाल होने वाला है लेकिन इसका नाम श्रीलंका या पाकिस्तान नहीं है। आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि अगर इस देश ने तुरंत कोई उपाय नहीं किया तो अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। यह देश पहले से ही कोविड माहमारी के दौरान आई हुई मंदी से उबरने की कोशिश कर रहा है। इस देश की आय का प्रमुख स्रोत पर्यटन है। भारत का पड़ोसी देश मालदीव कंगाली की दहलीज पर खड़ा है। इस देश की माली हालत सही नहीं है। रही-सही कसर मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने चीन के साथ दोस्ती करके पूरी कर दी है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में मालदीव की वित्तीय स्थिति और खराब होने की संभावना है। मालदीव ने चीन से भारी मात्रा में कर्ज लिया है, जिसे चुकाने के लिए उसके पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार नहीं है। इसके अलावा मालदीव अभी तक कोविड महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था में आई गिरावट से भी उबर नहीं पाया है। पियापोर्न के नेतृत्व में आईएमएफ मिशन ने मालदीव का दौरा किया। इस दौरान मालदीव के हाल के आर्थिक विकास, दृष्टिकोण और देश की नीति प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।मिशन के अंत में बयान में पियापोर्न ने कहा कि पूवार्नुमानों के आसपास बड़ी अनिश्चितता है। मालदीव की अर्थव्यवस्था जोखिम की ओर झुकी हुई है। आईएमएफ ने इस साल वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान पांच प्रतिशत लगाया है। नए हवाई अड्डे के टर्मिनल के खुलने से मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था स्थिर रहने की उम्मीद है। इस साल मुद्रास्फीति में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। लगातार बड़े चालू खाता घाटे और विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव के बीच बाहरी कमजोरियां बनी हुई हैं। बयान में कहा गया है कि कुल राजकोषीय घाटा और सार्वजनिक ऋण के उच्च स्तर पर बने रहने का अनुमान है। जिसके लिए तत्काल नीति समायोजन की आवश्यकता है। बयान के अनुसार मालदीव व्यापक आर्थिक स्थिरता और ऋण स्थिरता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। बयान में कहा गया है कि 2025 के बजट में उल्लिखित व्यय सुधार उपायों को तेजी से लागू नहीं किया गया। इसके कार्यान्वयन में असंतुलन है। इससे आर्थिक स्थिरता बहाल करने में चुनौती आ रही है। मालदीव की यात्रा के दौरान आईएमएफ मिशन ने वित्त मंत्री मूसा जमीर, मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के गवर्नर अहमद मुनव्वर और सांसदों से मुलाकात की थी।
Rajneesh kumar tiwari