नई दिल्ली। हजारों सालों की तलाश के बाद वैज्ञानिकों ने आखिरकार नई पृथ्वी की खोज कर ही डाली। इस नए ग्रह के बारे में जो जानकारियां मिली हैं वह हैरान करने वाली है। पृथ्वी के आकार का यह नया ग्रह बृहस्पति के आकार के एक तारे की परिक्रमा करता है। वहीं इस ग्रह पर न दिन खत्म होता है और न रात।
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ग्रह के बारे में हैरान करने वाली जानकारियां
खगोलविदों ने 55 प्रकाश वर्ष दूर पृथ्वी के आकार के एक नए ग्रह का पता लगाया है। इस नए खोज की जानकारी साइंस एंड नेचर की प्रसिद्ध पत्रिका नेचर एस्ट्रोनॉमी में छपी है। वहीं ब्रिटेन के दैनिक समाचार पत्र द गार्डियन ने भी इस पर रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार खगोलविदों ने पृथ्वी की तरह एक नया ग्रह खोजा है। यह बृहस्पति के आकार के एक अल्ट्राकूल बौने तारे की परिक्रमा करता है। इस नए एक्स्ट्रासोलर ग्रह या एक्सोप्लैनेट का नाम स्पेकुलोस-3बी है। यह पृथ्वी से करीब 55 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
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बृहस्पति जैसे तारे की करता है परिक्रमा
रिपोर्ट के अनुसार स्पेकुलोस-3बी तारा एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 17 घंटे लेता है। इसका अर्थ यह हुआ कि इस ग्रह का एक वर्ष पृथ्वी के एक दिन से भी छोटा है। यह बेहद शीतल ग्रह है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस ग्रह पर दिन और रात अंतहीन हैं। इस बारे में बेल्जियम में लीज विश्विद्यायल के खगोलशास्त्री माइकल गिलोन ने विस्तार से लिखा है। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि यह ग्रह समकालिक रूप से घूमता है। यह हमेशा अपने तारे का सामना करता है जैसे चंद्रमा पृथ्वी के लिए करता है। इसलिए जो भाग तारे के सामने आ जाता है वहीं दिन और जो भाग पीछे हाता है वहां पर रात होती है। इस ग्रह पर रात के समय पृथ्वी की तरह अंधेरा रहता है। यानी यहां कुछ पल के लिए दिन और कुछ ही क्षणों में रात हो जाती है। इस प्राकृतिक घटना के कारण ही वैज्ञानिक यहां दिन और रात को अंतहीन बता रहे हैं।
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ग्रह पर न दिन खत्म होता है और न रात
इस विशेष ग्रह का जीवनकाल लगभग 100 अरब वर्ष है। इस बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि लाल बौने तारों का जीवनकाल असाधारण रूप से लंबा होता है। क्योंकि ये हजारों डिग्री ठंडे होते हैं। उम्मीद है कि वे ब्रह्मांड में अभी चमकने वाले तारों में अंतिम होंगे। खगोलविदों के लिए इस ग्रह पर हो रही प्राकृतिक घटनाओं को रिकॉर्ड करना बेहद मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस तारे के सामने से जो तारा गुजरता है उसकी स्पीड इतनी तेज होती है कि ग्रहों की पहचान करने के लिए कई हफ्तों तक इंतजार करना होता है। बता दें कि यह लंबा जीवन काल यहां अलौकिक जीवन विकसित करने के अवसर प्रदान कर सकता है। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमौरी ट्रायड ने कहा कि यह बेहद खास है। इसके तारकीय और ग्रहीय गुण इसे मानव जीवन के अनुकूल बनाने में मदद कर सकते हैं। बता दें कि इस ग्रह की खोज बेल्जियम के लीज विश्विद्यालय, बर्मिंघम, कैम्ब्रिज, बर्न और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालयों ने आपसी सहयोग से की है।
Rajneesh kumar tiwari