जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। हिजबुल्लाह के आतंकियों के लिए पेजर की बैट्री काल बन गई। लेबनान में हजारों पेजर ब्लास्ट होने से 11 लोग मारे गए। साथ ही 4000 से ज्यादा जख्मी बताए जा रहे हैं। 500 की आंखे चली गई हैं। आतंकी संगठन का आरोप है कि पेजर हैक हुए हैं। उसमें चिप बम लगाई है। इजरायल और हमास की जंग में बीच में कूदे लेबनान और उसके हिजबुल्लाह लड़ाकों पर एक नए तरह का हमला हुआ। अचानक लेबनान और सीरिया के कई शहरों में हिजबुल्ला लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हजारों पेजर फट गए। जिसमें 11 के मारे जाने की खबर है। इसके अलावा 4000 से अधिक जख्मी हुए हैं। लेबनान को इस हमले के पीछे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ होने का शक है। हमले के इस नए तरीके को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। लोग जानना चाह रहे हैं कि कैसे चिप बम के जरिए यह हमला किया गया। बता दें कि पेजर साधारण रेडियो डिवाइसेस होते हैं। जिनसे छोटे संदेश या सिग्नल हासिल किए जाते हैं। इनका इस्तेमाल खासतौर की रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरिए होता है। अगर इसमें विस्फोट करना है तो रिमोट का इस्तेमाल करना होगा। रिमोट से जुड़ी हुई चिप को पेजर में छिपाना होगा। विस्फोट के लिए यह भी सकता है कि पेजर के अंदर कोई हथियार छिपाया गया हो जो रिमोट से चलता हो। इस तरह के अटैक फ्रिक्वेंसी जाम करके, हैकिंग या वायरलेस सिग्नल कंट्रोल के जरिए भी हो सकते हैं। इसके लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन का इस्तेमाल किया जाता है। वायरलेस कम्यूनिकेशन प्रोटोकाल को खराब किया जाता है। साथ ही पेजर की तकनीक का ही सहारा लेकर उसमें रखे विस्फोटक को ट्रिगर किया जाता है। यह सबसे एडवांस इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का तरीका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन पेजर में विस्फोट हुए हैं, हिजबुल्लाह ने उन्हें हाल ही में मंगवाया था। लेबनान के वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने बताया कि हिजबुल्लाह ने ताइवान स्थित गोल्ड अपोलो से 5000 पेजर मंगवाए थे। हिजबुल्लाह को भरोसा था कि सेलफोन के मुकाबले पुरानी तकनीक वाले ये पेजर संचार के दौरान इजरायली ट्रैकिंग सिस्टम की पकड़ में नहीं आएंगे। लेकिन इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के जासूस हिजबुल्लाह की सप्लाई चेन में घुस चुके थे। मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि हिजबुल्लाह तक सप्लाई से पहले ये पेजर मोसाद के हाथों में पहुंच गए। लेबनान में हिजबुल्लाह के पास भेजे जाने से पहले इजरायली जासूसों ने इन पेजर के अंदर छोटे विस्फोटक प्लांट कर दिए। बाहर से कमांड भेजकर एक साथ पेजरों में ब्लास्ट कर दिया गया। ऐसा मालूम होता है कि हिजबुल्लाह ने हाल ही में मंगाए पेजर को देश से बाहर भी अपने लड़ाकों को पहुंचाए थे। सीरिया से भी पेजर के विस्फोट की खबरें आई हैं। वहां भी हिजबुल्लाह के लड़ाके मौजूद हैं। विस्फोट की खबरों के बीच ताइवान की गोल्ड अपोलो ने बयान दिया है। गोल्ड अपोलो के संस्थापक सू चिंग-कुआंग ने संवाददाताओं को बताया कि कंपनी ने वो पेजर नहीं बनाए हैं, जिनका विस्फोटों में इस्तेमाल किया गया है। कुआंग का कहना है कि यह उत्पाद हमारा नहीं था। इसमें सिर्फ हमारा ब्रांड था। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एआर-924 मॉडल का उत्पादन और बिक्री बीएसी द्वारा की गई थी। इस उत्पाद के डिजाइन या निर्माण में हमारी कोई भागीदारी नहीं है।
Rajneesh kumar tiwari