जनप्रवाद ब्यूरो नई दिल्ली। फ्रांस ऐसा हथियार तैयार कर रहा है जो रूस और चीन की नींद उड़ा देगा। इसका नाम राफेल एफ-5 है। यह सुपरसोनिक मिसाइल आर जे-10 से लैस होगा। जिससे दुश्मन के लिए बच पाना नामुमकिन है। राफेल अकेले नहीं उड़ेगा। इसके साथ ड्रोन की सेना भी चलेगी, जो रास्ते में आने वाले खतरे को साफ करेगी। यह रूस के सबसे खतरनाक हथियार एस-400 की भी काट करेगा। लंबे समय तक शांत रहने वाला यूरोप अब वैसा नहीं रहने वाला है। यूरोपीय देशों को एक बड़े खतरे का डर सता रहा है। ये खतरा है रूस है। जो पुतिन के नेतृत्व में लगातार अपनी आक्रामकता बढ़ा रहा है। इस बीच फ्रांस एक ऐसा हथियार विकसित कर रहा है, जो उसे अंतरिक्ष में वर्चस्व स्थापित करने में मदद करेगा। फ्रांस के इस नए दांव का नाम राफेल एफ 5 लड़ाकू विमान है। यह सुपरसोनिक मिसाइल आर जे-10 नाम की एक नई मिसाइल से भी लैस है। यह रूस के एस-400 और चीनी एचक्यू-9 का काल बन सकती है। फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल की योजना इस हथियार के बल पर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के मैदान पर हावी होने की है। बता दें कि आज की लड़ाइयों में लड़ाकू विमानों से बम गिराने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में फ्रांस का यह प्रमुख लड़ाकू विमान बड़ी भूमिका निभाएगा। बता दें कि एफ4 वैरिएंट पहले ही पेश किया जा चुका है। एफ5 इसका एक नया रूप होगा। यह अगली पीढ़ी की युद्ध मशीन जो दुश्मन को मात देते के लिए तैयार हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, राफेल एफ5 केवल एक नया अपग्रेड नहीं है बल्कि यह एक नया आविष्कार है। यह अत्याधुनिक कम्प्यूटिंग शक्ति, निर्बाध डेटा लिंक और स्टील्थ कॉम्बैट ड्रोन से भरा एक जेट खतरनाक लड़ाकू है। फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल के चीफ आफ स्टाफ जनरल जेरोम बेलांगर ने इस बारे में जानकरी दी। उन्होेंने एक इंटरव्यू में कहा कि युद्ध का मैदान इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हो गया है। हमें शत्रुओं की हवाई सुरक्षा का पता लगाना है। उन्हें दबाना है और उन्हें जल्द खत्म करना है। राफेल एफ5 यही काम करेगा। राफेल अकेले नहीं उड़ेगा। इसके साथ ड्रोन की सेना भी चलेगी, जो रास्ते में आने वाले खतरे को साफ करेगी। इस तरह राफेल एफ-5 परमाणु बम गिराने में भी सक्षम होगा। एफ-5 में लगी सुपरसोनिक मिसाइल आर जे-10 अन्य मिसाइलों से अलग है। फ्रांस-ब्रिटेन के संयुक्त कार्यक्रम के तहत विकसित यह मिसाइल मैक-3 से मैक-5 की स्पीड से दुश्मन की तरफ बढ़ती है। यह इतनी तेज है कि इसे रोकने में दुश्मन के पसीने छूट जाएंगे। इस सुपरसोनिक मिसाइल को छोटी से मध्यम दूरी तक खतरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। ले फिगारो ने मिसाइल के बारे में बात करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक मिसाइल नहीं है। यह वो चीज है जिससे हम विवादित क्षेत्रों को तोड़ते हैं। फ्रांस इस हथियार को यूं ही नहीं बना रहा है। यूक्रेन पर रूस का हमला और प्रशांत क्षेत्र में चीन के झुकाव ने पेंटागन और नाटो को हवाई प्रभुत्व पर पुनर्विचार करने को मजबूर कर दिया है। पेरिस के लिए इसका मतलब विश्वसनीय परमाणु प्रतिरोध बनाए रखना है। फ्रांस का ये नया हथियार भारत के लिए भी फायदे का सौदा हो सकता है। भारत के पास पहले से ही राफेल है। वह अपने बेड़े को बढ़ाना चाहता है। ऐसे में फ्रांस राफेल एफ-5 का आफर भारत को दे सकता है।
Rajneesh kumar tiwari