दक्षिण कोरिया के वायुसेना के बेड़े में ऐसी मिसाइल शामिल होने जा रही है जिसे दुनिया का सबसे घातक हथियार माना जाता है। यह ऐसी मिसाइल है, जिसकी खासियत और अत्याधुनिक क्षमता से कई देश अचंभित हैं। इस मिसाइल को भारतीय वायुसेना भी अपने बेड़े में इस्तेमाल करती है।
मिसाइल की 200 किलोमीटर की रेंज
हम बात कर रहे हैं मेटियोर मिसाइल की, इसकी गिनती हवा से हवा में मार करने वाले हथियारों में टॉप पर होती है। दुनिया में इसे ‘सर्वश्रेष्ठ एयरक्राफ्ट-किलर मिसाइल’ के नाम से जाना जाता है। इसी मिसाइल को दक्षिण कोरिया अपने फाइटर जेट केएफ-21 में लगाने की तैयारी कर रहा है। यह मिसाइल मैक 4 यानी ध्वनि की गति से चार गुना ज्यादा स्पीड से उड़ान भर सकती है। यह 200 किलोमीटर की रेंज में दुश्मनों को पलभर में नेस्तनाबूत कर सकती है।
पहले चार विमानों से की जाएगी शुरूआत
एमबीडीए द्वारा निर्मित मेटियोर मिसाइल की लंबाई 3.6 मीटर, व्यास 17.8 सेमी और वजन 185 किलोग्राम है। दक्षिण कोरिया इसे अपने सबसे नए और एडवांस फाइटर जेट केएफ-21 में लगाने जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि पहले इसे चार केएफ-21 विमानों में लगाया जाएगा। मेटियोर मिसाइल को जो चीज सबसे अलग करती है, वह इसकी इनोवेटिव प्रपल्शन अवधारणा है। जिसका मतलब हमले के दौरान मिसाइल की गति और सटीकता को बढ़ाना है। मेटियोर हवा से हवा में मार करने वाली क्रूज मिसाइल की तरह ही काम करती है।
मिसाइल में है विलक्षण विशेषता
यह मिसाइल जब उड़ान भरती है तो पहले वह अपने इंजन को थ्रॉटल करके ईंधन का संरक्षण करती है। लेकिन, जैसे वह अपने टारगेट के निकट पहुंचती है, मिसाइल तेजी से अपने प्रणोदन को समायोजित करती है, जिससे उसका ऊर्जा भंडार बहुत अधिक हो जाता है। इसी विलक्षण विशेषता के चलते मिसाइल को मैक 4 से ज्यादा स्पीड बनाने में मदद मिलती है। साथ ही उड़ान के दौरान सटीक नियंत्रण रखने में भी सहायता करती है।
भारत भी करता है मेटियोर का इस्तेमाल
मेटियोर का प्रपल्शन ना केवल मिसाइल की गति को बढ़ाता है, बल्कि इसके ‘नो एस्केप जोन’ का भी विस्तार करता है। मतलब यह पारंपरिक मिसाइलों के विपरीत, अधिक सटीकता और घातकता के साथ दुश्मन के विमानों का पीछा और उन्हें नष्ट कर सकती है। मेटियोर मिसाइल के निर्माण में ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन और स्वीडन शामिल हैं। इसका मुख्य रूप से उपयोग यूरोपीय देशों द्वारा किया जाता है। इसके अलावा, भारत, ब्राजील, ग्रीस और कतर भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
Arun kumar baranwal