जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। गलवान झड़प के बाद एक बार फिर भारत ने चीन को भारत ने अपनी ताकत दिखाई। भारत के हौंसले देख चीनी सेना के होश पाख्ता हो गए। वायुसेना ने 55,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर उड़ रहे चीनी जासूसी गुब्बारे को पलभर में खाक कर दिया। इसके लिए इन्वेंट्री मिसाइल का उपयोग किया गया। एलओसी पर चीन और भारतीय सेना के बीच झड़प होने के बाद दोनों देशों में दो सालों से तनाव बना हुआ है। भारतीय सेना लगातार सीमा पर निगरानी बनाए हुए है। बीजिंग के साथ सीमा विवाद के बीच अब भारतीय वायुसेना ने पूर्वी मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल की है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने पूर्वी वायु कमान की जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में एक जासूसी गुब्बारे को देखा था। बता दें कि चीन इस इलाके में जासूसी करने के लिए कई तरह के पैंतरे आजमा रहा है। चीन किसी भी हद तक जाकर भारतीय सेना की पूरी लोकेशन और उनकी तैनाती की जगहों के बारे में जानना चाहता है। ऐसे में जासूसी करने के लिए चीन ने अपना गुब्बारा आसमान में भेजा था। वायुसेना ने 55,000 से अधिक फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे चीनी जासूसी गुब्बारे को लक्ष्य कर मार गिराया। इसके लिए राफेल से इन्वेंट्री मिसाइल को छोड़ा गया था। इसके साथ भारत ने चीन को एक बार फिर अपनी ताकत का एहसास करा दिया। बता दें कि इससे पहले अमेरिकी सरकार ने 2023 की शुरूआत में समुद्र के ऊपर एक चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था। इसके लिए अमेरिका ने पांचवीं पीढ़ी के एफ-22 रैप्टर फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था। भारतीय सेना के अनुसार, हाल में लक्ष्य बनाया गया चीनी जासूसी गुब्बारा कुछ पेलोड के साथ हवा में छोड़ा गया था। यह गुब्बारा भारत में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में देखा गया था। बता दें कि गुब्बारों का उपयोग एक बड़े क्षेत्र पर निगरानी रखने के लिए किया जाता है। कुछ देश इसका गलत इस्तेमाल कर दूसरे देशों की जासूसी करते हैं। ऐसे में वायुसेना सतर्क रहती है। यह भी माना जाता है कि चीनी जासूसी गुब्बारों में स्टीयरिंग प्रणाली होती है। उनका उपयोग अपने हित वाले क्षेत्रों में स्थिर रहने के लिए किया जा सकता है।
Rajneesh kumar tiwari