वाशिंगटन। अंतरिक्ष को लेकर वैज्ञानिकों ने अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। इस बार एंड्रोमेडा और मिल्की वे गैलेक्सी की टक्कर होनी तय है। एंड्रोमेडा करीब 300 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से मिल्की वे की ओर बढ़ रही है। अभी तक आपने पृथ्वी से क्षुद्रगहों की टकराने की भविष्यवाणी सुनी या देखी होगी। साथ वैज्ञानिकों का दो ग्रहों के आपस में टकराने का अनुमान भी देखा होगा। इस बार वैज्ञानिकों ने आश्चर्यचकित करने वाली भविष्यवाणी की है। वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मांड फैल रहा है। इस प्रक्रिया से एंड्रोमेडा और मिल्की वे गैलेक्सी पास आ रही हैं। बता दे कि एंड्रोमेडा आकाशगंगा को देवयानी आकाशगंगा का जाता है। एंड्रोमेडा का अपना देवयानी तारामंडल भी है। यही पृथ्वी से 2,500,000 प्रकाश वर्ष दूर है। यह एक महान तारापुंज है। जो रात के समय आसमान में नग्न आंखों से देखा जा सकता है। अक्सर ग्रंथों में इसका संदर्भ महान एंड्रोमेडा निहारिका के रूप में दिया जाता है। एंड्रोमेडा की सबसे निकटतम आकाशगंगा हमारी है। एंड्रोमेडा लगभग 1.52 लाख प्रकाश वर्ष में फैली हुई है। एंड्रोमेडा गैलेक्सी का द्रव्यमान हमारी गैलेक्सी जितना ही बताया जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एंड्रोमेडा और मिल्की वे यानी हमारी आकाशगंगा दोनों ही लोकल ग्रुप में स्थित हैं। एंड्रोमेडा करीब 300 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से मिल्की वे की ओर बढ़ रही है। करीब 5 बिलियन साल में दोनों आकाशगंगाएं टकराएंगी। इस टक्कर से दोनों आकाशगंगाए नष्ट हो जाएंगी। वहीं उनके मिलने से एक नई आकाशगंगा जन्म लेगी। वैज्ञानिकों के अनुसार करीब 13.8 बिलियन साल पहले, बिग बैंग के बाद से ही ब्रह्मांड फैल रहा है। महान खगोलविद एडविन हब्बल ने भी 1929 में ही यह बता दिया था। उन्होंने कहा था कि ब्रह्मांड के फैलने का मतलब यह नहीं कि सब कुछ एक-दूसरे से दूर जा रहा है। बता दें कि आकाशगंगाओं को गुरुत्वाकर्षण ने बांध रखा है। केवल सबसे बड़े पैमाने पर ही ब्रह्मांडीय विस्तार इतना मजबूत है कि वह गुरुत्वाकर्षण पर काबू पा सके। वैज्ञानिकों का मानना है कि एंड्रोमेडा और मिल्की वे दोनों पहले भी टकरा चुकी हैं। एंड्रोमेडा में करीब एक ट्रिलियन तारे हैं और मिल्की वे में लगभग 300 बिलियन। इसके बावजूद दोनों आकाशगंगाओं की टक्कर में तारों के टकराने की संभावना बेहद कम होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि तारों के बीच की दूरी काफी ज्यादा है। सूर्य के बाद पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा प्राक्सिमा सेंटारी है, जो लगभग 4.2 प्रकाश वर्ष किमी दूर है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस प्रक्रिया में सौरमंडल अपनी वर्तमान दूरी की तुलना में आकाशगंगा के केंद्र से तीन गुना दूर बह जाएगा।
Rajneesh kumar tiwari