जनप्रवाद ब्यूरो नई दिल्ली। चीन द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गए रॉकेट के भले ही 300 टुकड़े हो गए हैं लेकिन उसकी हेकड़ी थमने का नाम नहीं ले रही है। ड्रैगन ने एक बार फिर बड़ी हिमाकत की है। उसने ताइवान की हवाई सीमा में 22 लड़ाकू विमान भेजे हैं। वहीं जल क्षेत्र में उसकी नजर है। ऐसे में जानना जरूरी है कि बार-बार नाकामयाबी के बाद भी वह ऐसी हरकतें क्यों कर रहा है। चीन और ताइवान के बीच जमीन को लेकर जंग जारी है। चीन लगातार ताइवान के क्षेत्र को अपना बताता आया है। वह किसी भी हाल में वहां कब्जा करना चाहता है। इस बीच ताइवान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चीन ने एक बार फिर से उसके क्षेत्र में घुसपैठ की है। बताया गया है कि ताइवान की हवाई सीमा के आस पास चीन के 28 लड़ाकू विमान देखे गए हुए। इनमें से 22 लड़ाकू विमान ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में दाखिल हुए। इसके अलावा ताइवान के जल क्षेत्र में चीन के 10 नौसेनिक जहाज देखे गए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शुक्रवार सुबह छह बजे से लेकर शनिवार सुबह छह बजे तक ताइवान में चीन की घुसपैठ देखी गई। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए के 22 लड़ाकू विमान हवाई के जलडमरूमध्य को पार कर दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में दाखिल हुए। सोशल मीडिया मंच एक्स पर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी साझा की। मंत्रालय ने कहा कि स्थिति को भांपते हुए इसका जवाब भी दिया गया। चीन की सेना के जवाब में ताइवान ने भी तटीय क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमानों, नौसैनिक जहाजों और मिसाइल सिस्टम को तैनात कर दिया है। यानी ताइवान हर हाल में चीन को जवाब देने के लिए तैयार है। बता दें कि बीते कुछ महीनों में यह देखने को मिल रहा है कि चीन लगातार ताइवान को उकसा रहा है। चीन ताइवान के चारों और अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहा है। ताइवान के हवाई और समुद्री जल क्षेत्र के आसपास चीन की घुसपैठ भी बढ़ती जा रही है। इससे पहले शुक्रवार को ही ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि पीएलएल के 18 लड़ाकू विमान और नौ नौसैनिक विमान ताइवान की सीमा के आसपास देखे गए थे। इनमें से 12 लड़ाकू विमानों ने जल सीमा की मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में दाखिल हुए। इससे पता चलता की चीन की मंशा एशियाई महाद्वीप में बड़ा तनाव पैदा करना है। बता दें कि 1949 से ताइवान स्वतंत्र रूप से शासन कर रहा है। वहीं चीन लगातार ताइवान को अपना क्षेत्र बताता आया है। चीन हर हाल में ताइवान को अपने क्षेत्र में शामिल करना चाहता है। चीन न केवल ताइवान ने जवाब दिया बल्कि अंतरिक्ष में भी उसे कड़ा जवाब मिला है। इस पर अमेरिकी अंतरिक्ष कमान ने बयान जारी किया। जिसमें कहा गया कि लॉन्ग मार्च स्टारलिंक का 6ए रॉकेट टूट कर बिखर गया है। यह अब पृथ्वी की लो अर्थ आॅर्बिट में 300 से अधिक टुकड़े में घूम रहा है। जानकारी के अनुसार चाइना का ये रॉकेट सैटेलाइट्स को लेकर करीब 800 किमी तक पहुंच गया था। वहीं इस सैटेलाइट को शंघाई में चीनी विज्ञान अकादमी में इनोवेशन द्वारा डिजाइन किया गया था।
Rajneesh kumar tiwari