समंदर में चीन की आक्रामकता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। हाल ही में उसने अपने सबसे बड़े विध्वंसक पोत को समंदर में उतारकर पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। अब विश्व के 26 देश एकजुट होकर चीन की इस आक्रामकता पर लगाम लगाने जा रहे हैं जिसमें भारत भी शामिल है।
हवाई में दुुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास
अमेरिका के हवाई में दुुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास होने जा रहा है। जिसका नाम एक्सरसाइज रिम आॅफ द पैसिफिक यानी रिमपैक रखा गया है। जून में होने वाले इस अभ्यास का मकसद समंदर में चीन के बढ़ते कथित खतरों और विस्तारवादी नीति पर लगाम लगाना है। इस अभ्यास में भारत, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इजराइल और जापान समेत 26 देशों की नौसेनाएं हिस्सा लेंगी। रिमपैक अभ्यास की थीम ‘साझेदार, एकीकृत और तैयार’ रखा गया है।
रिमपैक में जुड़ना चाहते हैं और भी कई देश
बता दें कि रिमपैक को न केवल कई देशों को एकजुट करने के लिए बनाया गया, बल्कि इसके जरिए प्रत्येक देश की प्रशिक्षण क्षमता और साझेदारी को विकसित करना भी है। रिमपैक के समन्वयक रॉयल आॅस्ट्रेलियन नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर टिमोथी गिल ने बताया कि हमारे पास ऐसे और भी राष्ट्र हैं जो हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं। वे एक इकाई के रूप में सभी देशों के साथ प्रशिक्षण लेना चाहते हैं। हम सभी समुद्री सुरक्षा और संरक्षा के एक ही लक्ष्य पर केंद्रित हैं।
यूरोपीय देशों ने पहली बार सुरक्षा चुनौती को पहचाना
दरअसल, रिमपैक अभ्यास चीन के खिलाफ अमेरिका के हवाई में हर दो साल में आयोजित होता है। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि विभिन्न यूरोपीय देशों ने पहली बार चीन को एक सुरक्षा चुनौती के रूप में पहचाना है। ये देश वैश्विक सुरक्षा के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर जोर दे रहे है। जलवायु परिवर्तन और साइबर युद्ध जैसे खतरों के कारण विदेश और सुरक्षा नीतियों में बदलाव आया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि, राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों से लेकर रक्षा समीक्षाओं तक, पूरे यूरोप में कई रणनीतिक घोषणाएं की गई हैं।
यूरोपीय नाटो राज्यों में बढ़ा हथियार आयात
ऐसा दावा किया जा रहा है कि इंडो-पैसिफिक देशों के सैन्य, वित्तीय और मानवीय रूपों में यूक्रेन के समर्थन ने शक्तिशाली यूरोपीय देशों को प्रभावित किया है। रूसी खतरों के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच, यूरोपीय नाटो राज्यों में 2023 में हथियार आयात में 65 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इसके अलावा, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हथियारों के आयात में भी वृद्धि हुई है, जिसमें आॅस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया में सबसे ऊपर हैं।
Arun kumar baranwal