तेल अवीव। भारत ने गाजा युद्ध में फंसे इजरायल को हथियार भेजे हैं। भारत ने यह कदम तब उठाया है जब अमेरिका ने हजारों बम की सप्लाई को रोकने का फैसला किया। गाजा युद्ध के बीच भारत और इजरायल के रक्षा संबंध एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गए हैं। भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डेनियल कारमोन ने इजरायली मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि भारतीयों ने हमें यह याद दिलाया है कि इजरायल कारगिल युद्ध के दौरान भारत के साथ खड़ा था। बता दें कि इजरायल कुछ उन देशों में शामिल था जो भारत के साथ खुलकर आया था। साथ ही हथियार मुहैया कराए थे। अब भारतीय इसे भूले नहीं हैं। अब भारत इसका अहसान चुका रहा है। इजरायली राजनयिक के इस खुलासे के बाद जहां भारत और इजरायल की दोस्ती की तारीफ हो रही है। वहीं विवाद भी शुरू हो गया है। आलोचकों का कहना है कि भारत युद्धापराध के दोषी इजरायल को कैसे हथियार दे सकता है। बता दें कि 25 साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल ने भारत को लेजर गाइडेड बम और कई घातक हथियार दिए थे। इसकी मदद से भारत ने पाकिस्तानी सेना पर सटीक हमला किया था। इससे पाकिस्तानी सेना के ठिकानों के परखच्चे उड़ गए थे। इजरायल ने भारत को हथियारों की यह मदद तब दी थी, जब कारगिल में पाकिस्तानी सेना पहाड़ी चोटियों पर छिपकर भारतीय सेना पर हमला कर रही थी। ऐसे में पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाना काफी मुश्किल था। इजरायल के पूर्व राजदूत के इस बयान को ईरानी मीडिया ने तत्काल लपक लिया। इरान ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने इजरायली प्रशासन को हथियारों की बड़ी डील दी है। भारतीय हथियारों की चर्चा सबसे पहले स्पेन के विदेश मंत्री के बयान के बाद शुरू हुई थी। स्पेन के मंत्री ने कहा था कि भारत इजरायल को हथियार भेज रहा है। स्पेन ने भारत के चेन्नई से इजरायल के हाइफा पोर्ट भेजे गए 27 टन विस्फोटक से भरे जहाज को अपने यहां रुकने की अनुमति नहीं दी थी। स्पेन ने कहा था कि मिडिल ईस्ट को शांति की जरूरत है न कि हथियार की। इजरायली मीडिया वाईनेटन्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने यह विस्फोटक ऐसे समय पर भेजा जब इजरायल की हमास और लेबनान के हिज्बुल्ला से जोरदार लड़ाई चल रही है। इसी तरह इजरायली मीडिया ने भी बड़ा दावा किया। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि भारत बड़े पैमाने पर इजरायल की सैन्य मदद कर रहा है। वैश्विक रक्षा वेबसाइट शेफर्ड न्यूज ने बताया था कि भारत में पहली प्राइवेट किलर ड्रोन बनाने वाली फैक्ट्री से इजरायल को 20 से ज्यादा हरमेस 900 ड्रोन इजरायल को निर्यात किए गए हैं। इस ड्रोन को भारत के हैदराबाद स्थित कंपनी अडानी इल्बिट एडवांस्ड सिस्टम इंडिया लिमिटेड ने बनाया है। यह भारत की अडानी डिफेंस और इजरायल की इल्बिट कंपनी का संयुक्त उद्यम है। यह ड्रोन भारतीय सेना को दिया जाना था लेकिन गाजा युद्ध के बाद खुद इजरायल की सेना को ही इसकी जरूरत आन पड़ी। भारत और इजरायल की ओर से कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पुराने तोप के गोले भारत में टैकों की ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल होने थे। तोप के गोलों की भारी कमी की वजह से इजरायली सेना इन तोप के गोलों का इस्तेमाल कर रही है। यह तोप का गोला भारत में इमरजेंसी स्टोरहाउस से भेजा गया है।
Rajneesh kumar tiwari